28.8 c Bhopal

अविश्वास प्रस्ताव गिरा, मोदी बोले— 2028 में अच्छी तैयारी से आना

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन यानी I.N.D.I.A. की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में बहुमत से गिर गया। ये अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिरा। ऐसा इसलिए क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी के बोलने के दौरान ही विपक्षी पार्टियों ने वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि करीब दो घंटे तक बोलने के बाद भी पीएम मोदी ने मणिपुर का जिक्र नहीं किया। हालांकि, पीएम मोदी ने भाषण के आखिरी हिस्सों में मणिपुर पर विस्तार से बात रखी। 

पीएम ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 2018 में मैंने नेता सदन के नाते उनको (विपक्ष) काम दिया था कि 2023 में वो अविश्वास प्रस्ताव लाएं। अब 2028 में लाने का काम उनको दे रहा हूं, लेकिन थोड़ी तैयारी जरूर करके आएं, ताकि जनता को लगे कि कम से कम वो विपक्ष के लायक है। 

पीएम मोदी ने पानी पी—पीकर बोला हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि विपक्ष 2023 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। अब मोदी ने एक बार फिर 2024 के चुनाव में जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ने का दावा करते हुए कहा कि विपक्ष 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा।

कांग्रेस ने किया वॉकआउट, फिर दी सफाई

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने वॉकआउट करने को लेकर कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर आज भी पीएम मोदी 'नीरव' ही बने रहे। 'नीरव' रहने के चलते मैंने सोचा कि नया नीरव मोदी देखने का क्या फायदा, इनके दरबारी सारी बात कह चुके हैं। पीएम जो दोहराते हैं वो ही बात उनके दरबारी कह चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी को कांग्रेस का डर सताता है। 

अविश्वास प्रस्ताव गिरना तय था?

दरअसल, लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पहले से गिरना तय था। इसका प्रमुख कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास बहुमत है, वहीं विपक्षी दलों के पास संख्याबल नहीं है। हालांकि, विपक्षी दल कहते रहे हैं कि मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के संसद में बयान देने को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
 
...तो गिर जाती सरकार

मालूम हो कि केंद्र सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में अगर हार जाती, तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता। इसके पहले 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिर गई थी। देश में इसके पहले भी कई सरकारें गिर चुकी हैं।

Video: अविश्वास प्रस्ताव गिरा, मोदी बोले— 2028 में अच्छी तैयारी से आना

Comments

Add Comment

Most Popular