एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सेना ने 2 आतंकियों को ढेर कर दिया है। शांगुस लार्नू के जंगल में सेना और आतंकियों के बीच शनिवार सुबह एनकाउंटर शुरू हुआ। यहां 3 आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका थी। एक आतंकी अब भी छिपकर फायरिंग कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में 36 घंटे में यह तीसरा एनकाउंटर है। श्रीनगर के खान्यार और बांदीपोरा के पन्नेर में भी मुठभेड़ चल रही है।
बॉर्डर पर भारत-चीन सैनिकों ने मिठाई बांटी
श्रीनगर एनकाउंटर में 2-3 आतंकी छिपे हुए हैं। यहां एक CRPF जवान भी घायल हो गया है। बांदीपोरा में आतंकियों की संख्या की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। तीनों ही एनकाउंटर की लोकेशन पर जम्मू-कश्मीर पुलिस भी पहुंच गई है। तीनों जगह सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। इलाके से गुजरने वाले वाहनों की जांच की जा रही है।
ड्रोन से भी निगरानी हो रही है। इधर, श्रीनगर के ही रावलपुरा इलाके में सेना का एक जवान एक्सीडेंटल फायरिंग के चलते शहीद हो गया। इससे पहले शुक्रवार रात को बडगाम में आतंकियों ने गैर कश्मीरियों पर हमला किया था। इसमें UP के दो लोग घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। ये बडगाम में जल जीवन प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।
आतंकी को ढेर नहीं, गिरफ्तार किया जाए: फारूक
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा, जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने से पहले आतंकी हमलों में तेजी क्यों नहीं आई। इसकी जांच होनी चाहिए कि यह कौन कर रहा है। अब्दुल्ला ने कहा कि श्रीनगर के खान्यार में मौजूद आतंकी को मारा नहीं जाना चाहिए, बल्कि उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या उमर सरकार को अस्थिर करने का काम किसी एजेंसी को सौंपा गया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फल-फूल रहा था। आतंकवाद अपने सबसे निचले स्तर पर था, इसलिए मैं जांच की मांग कर रहा हूं।
श्रीनगर सांसद बोले- हमले के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार
बडगाम आतंकी हमले पर श्रीनगर सांसद रूहुल्लाह मेहदी ने कहा, इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद हमलों में तेजी आई है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा- मजहामा बडगाम में नागरिकों पर आतंकवादी हमले की खबर से दुखी हूं। पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ मेरी सहानुभूति और प्रार्थनाएं। भाजपा सरकार जो सीधे जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा को नियंत्रित करती है, उसे इन बार-बार की विफलताओं के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। साथ ही यह भी पूछना चाहता हूं कि हालिया चुनावों के तुरंत बाद इन हमलों में अचानक वृद्धि क्यों हुई?
पिछले महीने 5 हमले
- 28 अक्टूबर को अखनूर में 3 आतंकी ढेर हुए। LoC के पास आतंकियों ने आर्मी एंबुलेंस पर फायरिंग की थी। इसके बाद वे जंगल की ओर भाग गए थे। 5 घंटे तक चले एनकाउंटर में सेना का कोई जवान घायल नहीं हुआ।
- 24 अक्टूबर को बारामूला में सेना की गाड़ी पर आतंकियों के हमले की जिम्मेदारी PAFF संगठन ने ली थी। पुलिस ने बताया था आतंकी हमला करके जंगल की ओर भाग गए थे।
- 24 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने मजदूर पर गोलीबारी की। हमले में मजदूर घायल हो गया, जिसका इलाज चल रहा है।
- 20 अक्टूबर को गांदरबल के सोनमर्ग में कश्मीर के डॉक्टर, एमपी के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली।
- 16 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
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