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नई दिल्ली. कनाडा की जासूसी एजेंसी कम्युनिकेशन सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट (CSE) ने खतरा पैदा करने वाले देशों की सूची में भारत को शामिल किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पहली बार है, जब कनाडा सरकार की इस लिस्ट में भारत का नाम आया है।
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दरअसल, CSE के साइबर विभाग ने 31 अक्टूबर को रिपोर्ट जारी की। इसमें 2025-26 में खतरा पैदा करने वाले देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत को चीन, रूस, ईरान, उत्तर कोरिया के बाद पांचवें नंबर पर रखा गया है। गवर्नमेंट ऑफ कनाडा की ऑफिशियल वेबसाइट पर यह लिस्ट मौजूद है।
CSE की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार आधुनिक साइबर प्रोग्राम तैयार कर रही है, जो कनाडा के लिए कई स्तरों पर खतरा पैदा करते हैं। मुमकिन है कि भारत साइबर प्रोग्राम का इस्तेमाल अपनी नेशनल सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए करेगा। भारत साइबर प्रोग्राम के जरिए जासूसी, आतंकवाद का मुकाबला, काउंटर नैरेटिव तैयार करना और दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कर सकता है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-कनाडा तनाव की वजह से हैकिंग की घटनाओं को बढ़ावा मिला है। भारत पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। एक भारत समर्थक हैकिंग ग्रुप ने दावा किया है कि उसने कनाडा की वेबसाइट्स को नुकसान पहुंचाया है। इससे कनाडा आर्म्ड फोर्स की एक वेबसाइट भी प्रभावित हुई।
दरअसल, 18 जून 2023 की शाम को कनाडा के सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद 3 मई को निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
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ये तीनों आरोपी भारतीय हैं। कनाडाई पुलिस ने कहा कि इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी। उन्हें यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। तब भारत ने इस मामले पर कहा था कि यह कनाडा का आंतरिक मामला है।
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