एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
18 कैबिनेट, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। यह विस्तार बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया है, इसलिए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। पार्टी ने इस बार ओबीसी, एससी/एसटी और सामान्य तीनों वर्गों को मंत्री पद का बंटवारा कर जातिगत समीकरण को साध लिया है। इस बार कैबिनेट विस्तार के लिए नामों को चुनने के लिए दिल्ली के आलाकमान के साथ कई बार चर्चा हुई।
पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश में बंपर जीत के बाद 2024 लोकसभा चुनाव के लिए जाति और क्षेत्रीय समीकरण भी साध लिया है। प्रदेश में बीजेपी ने डॉ. मोहन यादव के लिए चुने 31 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में सभी जातियों को खुश होने की वजह दे दी है। सोमवार को 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। विपक्ष की ओबीसी और जातीय जनगणना की काट के लिए न सिर्फ ओबीसी सीएम को आगे बढ़ाया, बल्कि 12 अति पिछड़ों को मंत्रिमंडल में जगह दी है। साथ ही पांच एससी और चार एसटी विधायकों को मंत्री बनाकर कांग्रेस से बहस का मुद्दा छीन लिया है। राजेंद्र शुक्ल को उपमुख्यमंत्री समेत 8 सवर्णों को भी मंत्री बनाकर सर्वसमाज को भी खुश होने की वजह दी है। डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में पांच महिलाओं को भी जगह मिली है। डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ ली थी। उनके साथ एससी नेता जगदीश देवड़ा और ब्राह्मण चेहरे राजेंद्र शुक्ल ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद से करीब दो सप्ताह तक मंत्रिमंडल विस्तार अटका रहा। नए मुख्यमंत्री दो बार दिल्ली बुलाए गए, फिर मंत्रियों की फाइनल लिस्ट पर मुहर लगी। बताया जाता है कि इस दौरान बीजेपी के केंद्रीय नेता सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ एक साथ कई समीकरण साधने की तैयारी करते रहे। पहले पुराने और नए नेताओं की लिस्ट पर चर्चा हुई, जिनके पास प्रशासनिक अनुभव था। शिवराज सरकार में शामिल रहे कई पुराने नाम की छुट्टी कर दी गई।
कैबिनेट मंत्री
प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, उदय प्रताप सिंह, विजय शाह, राकेश सिंह, प्रदुम्न सिंह तोमर, एदल सिंह कसाना, नारायण सिंह कुशवाहा, संपतिया उईके, करण सिंह वर्मा, निर्मला भूरिया, विश्वास सारंग, गोविंद सिंह राजपूत, इंदर सिंह परमार,
नागर सिंह चौहान, चैतन्य कश्यप और राकेश शुक्ला।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, लखन पटेल औरी नारायण पवार।
राज्यमंत्री
राधा सिंह, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार और नरेंद्र शिवाजी पटेल।
नए कैबिनेट में बनाया जातिगत बैलेंस
डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में नए और पुराने चेहरों को जगह देने पर सहमति बनी। इसमें सबसे पहले प्रह्लाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और राकेश सिंह के नाम पर मुहर लगी। ये सभी नेताओं को केंद्रीय हाईकमान ने विधानसभा चुनाव में उतारा था। इसके बाद जाति के हिसाब से नामों की सूची खंगाली गई। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ओबीसी और जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया था, इसके लिए हर जाति को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए कई नामों पर चर्चा हुई। बीजेपी ने एमपी में मोहन सरकार के मंत्रिमंडल में हर वर्ग को सीट का बंटवारा कर लोकसभा चुनाव 2024 को साधने की पूरी कोशिश की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा की आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका कितना फायदा होता है।
मोहन मंत्रिमंडल में 12 ओबीसी से बनाए गए मंत्री
- ओबीसी वर्ग से मंत्री सामान्य वर्ग से बनाए गए मंत्री एससीवर्ग से चुने गए एसटी वर्ग से बने मंत्री
- प्रहलाद पटेल विश्वास सारंग तुलसी सिलावट निर्मला भूरिया
- एंदल सिंह कंसाना प्रद्युम्न सिंह तोमर दिलीप जायसवाल विजय शाह
- नारायण सिंह कुशवाहा कैलाश विजयवर्गीय गौतम टेटवाल संपतिया उइके
- राकेश सिंह गोविंद सिंह राजपूत राधा सिंह नागर सिंह चौहान
- करण सिंह वर्मा चैतन्य कश्यप प्रतिभा बागरी
- उदय प्रताप सिंह राकेश शुक्ला
- इंदर सिंह परमार
- कूष्णा गौर
- धर्मेंद्र लोधी
- नारायण पवार
- लखन पटेल मंत्री
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