28.8 c Bhopal

1000 वोट से जीत-हार पर हो दोबारा मतगणना : कांग्रेस

भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की फुल बेंच राजधानी भोपाल दौरे पर पहुंचीं। यहां विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा के लिए आयोग की फुल बेंच ने सोमवार को अलग-अलग राजनीतिक दलों के सदस्यों से बात की। इस दौरान जहां सत्तारुढ़ बीजेपी ने हेट स्पीच पर कार्रवाई की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की, तो वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में आयोग को सुझाव सौंप गए। आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने नगरीय निकाय चुनावों में हुई गड़बड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव ऐसी गलती न हो, इस पर काम होना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी की ओर से दिए गए सुझाव में कहा गया है कि ईवीएम और बैलेट पेपर में थंब सिस्टम लागू कर वोटिंग कराई जाए।

बीजेपी का सुझाव

भाजपा की ओर से चुनाव आयोग समन्वय विभाग के प्रदेश संयोजक एसएस उप्पल और भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक मनोज द्विवेदी की टीम ने आयोग के सामने उपस्थित होकर कहा है कि अनुपस्थित मतदाता के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा दी जानी चाहिए। बीजेपी की ओर से फैमिली वोटर स्लिप जारी करने की मांग भी आयोग से की गई है। चुनाव के दौरान आवाज बदलकर हेट स्पीच की स्थिति बन सकती है। इसलिए आयोग को इस मामले में स्पष्ट निर्देश जारी करना चाहिए। भाजपा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग पर भी रोक लगाने की मांग की है। डाक से डाक मत पत्र भेजने की व्यवस्था पर रोक लगाई जानी चाहिए।

कांग्रेस की मांग

कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और उनकी टीम ने 17 बिंदुओं पर आयोग को सुझाव दिए। जिसमें कहा है कि जिन विधानसभा क्षेत्र में 1000 से कम वोट पर जीत- हार होती है। वहां दोबारा मतगणना करने की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।  मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल में निष्पक्ष चुनाव की संभावना नहीं है। इसलिए उनकी सेवा समाप्त की जाए और योग्य अधिकारी को मुख्य सचिव नियुक्त करके निष्पक्ष चुनाव कराए जाए। मतदाता सूची त्रुटि पूर्ण है और सुधार नहीं हो पा रहा है। एक वोटर के नाम एक मतदान केंद्र में दो या अधिक स्थानों पर पाए जा रहे हैं। मतदाता सूची में लगाए गए फोटो धुंधले हैं, इससे वोटर की पहचान करने में मुश्किल होती है।

भाजपा ने 39 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। और मुख्यमंत्री द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकारी खर्चे पर कार्यक्रम किया जा रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। प्रत्याशियों के चुनाव खर्च के लिए जो रेट लिस्ट जारी होती है। वह बाजार मूल्य से व्यावहारिक नहीं होती। इसलिए उसे बाजार मूल्य के आधार पर व्यावहारिक किया जाना चाहिए। चुनाव में लगाए जाने वाले होर्डिंग में अनुमति पत्र नहीं लगे होते हैं। इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में तीन से चार साल से अधिक समय से अधिकारी कर्मचारी डटे हुए हैं। उन्हें हटाया जाए और निष्पक्ष चुनाव कराया जाए। मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और मतदान केंद्र के बाहर कम से कम एक कैमरा गेट पर लगाया जाए। चुनाव घोषणा के तुरंत बाद नाम जोड़ने और काटने पर रोक लगाई जानी चाहिए। और प्रत्याशियों की सुविधा के हिसाब से लाउड स्पीकर से प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची मतदाता के हाथों में देने की व्यवस्था की मांग होनी चाहिए। एक परिवार के सदस्यों का नाम एक ही बूथ में हो।

आप पार्टी की मांग 

आम आदमी पार्टी की ओर से सुमित चौहान, सीपी सिंह और आरके चौरसिया निर्वाचन आयोग की मीटिंग में पहुंचे, जिन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि निकाय चुनाव में एक ही घर के 5 सदस्यों को अलग-अलग 5 बूथ आवंटित किया गए थे, जिससे वोटिंग को लेकर लोगों को परेशानी हुई। विधानसभा चुनाव में ऐसा न हो। 

बसपा का पक्ष

बसपा की ओर से दिए गए सुझाव में कहा गया है कि ईवीएम और बैलेट पेपर में थंब सिस्टम लागू कर वोटिंग कराई जाए, ताकि फर्जी वोटिंग रोकी जा सके। भाजपा ने 39 कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं और सरकार के खर्चे पर यहां विधानसभा क्षेत्र में प्रचार हो रहे हैं। इस पर रोक लगाई जाए। हर मतदान केंद्र में सेंट्रल फोर्स के सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए, ताकि स्थानीय पुलिसकर्मियों के दबाव को रोका जा सके। परिवार के सभी सदस्यों का नाम एक ही बूथ में होना चाहिए। पर्ची में लगी फोटो पहचान में नहीं आने से फर्जी वोटिंग की संभावना जताई है और ईवीएम में गड़बड़ी की बात भी कही है।

Comments

Add Comment

Most Popular