एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
मुंबई. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद महाराष्ट्र में उसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले की आलोचना की है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा, अगर कांग्रेस पूरे देश में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है, तो उसे इसकी घोषणा करनी चाहिए, ताकि बाकी सभी लोग अपने-अपने राज्यों में अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हों।
यह टिप्पणी महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था को लेकर शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच चल रहे तनाव के बीच आई है। शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के मुखपत्र सामना में बुधवार को एक संपादकीय में हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए उसके सहयोगियों के प्रति रवैये को जिम्मेदार ठहराया गया।
संपादकीय में कहा गया, जम्मू-कश्मीर में भारत ने पूर्ण बहुमत से जीत हासिल की, क्योंकि कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा, लेकिन हरियाणा में उसने अकेले चुनाव लड़ा और वहां गठबंधन सहयोगियों को नजरअंदाज किया। लोगों के भाजपा से नाराज होने के बावजूद उसे हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के पास ऐसी लड़ाइयां हारने की कला है, जिन्हें आसानी से जीता जा सकता है।
राउत ने कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, हरियाणा की तरह, अगर कांग्रेस पूरे देश में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है, तो पार्टी को इसकी घोषणा करनी चाहिए, ताकि गठबंधन में शामिल हर कोई अपने-अपने राज्यों में अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो।
यह आलोचना विपक्षी गठबंधन के भीतर बढ़ते तनाव को उजागर करती है, क्योंकि महत्वपूर्ण राज्य चुनावों से पहले पार्टियाँ अपनी स्थिति के लिए संघर्ष कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने अभी तक राउत की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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