एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है, इसमें कुल 5 बैठकें होंगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर बताया कि अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं।
गौरतलब है कि इससे पहले संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चला था। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष के विरोध के बाद कई बार सत्र बिना कामकाज के स्थगित करना पड़ा था। इस सत्र में विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया, जो गिर गया।
विपक्ष ने कहा—यह दुर्भाग्यपूर्ण
राज्यसभा सांसद और शिवसेना (उद्धव गुट) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्र भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार गणेश उत्सव के दौरान बुलाया गया। विशेष बैठक का आह्वान हिंदू भावनाओं के खिलाफ है।
इन मुदृो पर विपक्ष फिर कर सकता है हंगामा
संसद के विशेष सत्र में विपक्ष एक बार फिर से चीन के मैप, मणिपुर हिंसा और अडाणी मामले की जेपीसी से जांच कराने जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरेगा। चीन ने हाल ही में एक नया मैप जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को उसने अपना हिस्सा बताया है। हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन हमेशा से ऐसी हरकतें करता रहता है। राहुल गांधी ने हाल ही में लद्दाख दौरे पर कहा था कि चीन ने हमारे इलाके में घुसपैठ की है। पूरा लद्दाख इस बात को जानता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर बयान देना चाहिए।
वहीं मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर 3 मई से हिंसा जारी है। राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले मानसून सत्र में भी विपक्ष ने सरकार को इसी मुद्दे पर घेरते हुए कामकाज ठप कर दिया था। इधर, विपक्ष इस सेशन में अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच जेपीसी से कराने को लेकर फिर एक बार हंगामा कर सकता है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अडाणी समूह से जुड़े पूरे प्रकरण की सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति के माध्यम से ही बाहर आ सकती है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर लगातार मुखर है। राहुल गांधी ने अडाणी और प्रधानमंत्री की तस्वीर संसद में भी दिखाई थी। इसके बाद एक मामले में उनकी सांसदी चली गई, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सदस्यता फिर से बहाल कर दी।
विपक्ष महंगाई के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेर सकता है। पिछले महीने टमाटर की कीमत खुदरा बाजार में 200 से 250 रुपए तक पहुंच गई। इसके बाद विपक्ष ने प्रदर्शन भी किया था। प्याज पर इंपोर्ट टैक्स लगाने को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेर सकती है। दाल के दाम भी हाल के दिनों में तेजी से ऊपर उठे हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर भी सरकार पर हावी हो सकती है।
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