एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
नई दिल्ली. भारत में होने वाले आगामी जी20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दूसरे प्रमुख नेता है, जो इसमें सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति के इसमें शामिल नहीं होने के पीछे रूस—यूक्रेन युद्ध के चलते उनकी व्यस्तता कारण है, लेकिन चीनी राष्ट्रपति के इसमें शामिल नहीं होने के पीछे मूल कारण नहीं बताया गया है। हालांकि, भारत में होने वाले जी20 सम्मेलन में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग भाग लेंगे।
गौरतलब है कि नई दिल्ली में आगामी 9 एवं 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। यह पहली बार होगा कि 2008 में पहला संस्करण आयोजित होने के बाद से कोई चीनी राष्ट्रपति नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ है। हालांकि 2020 और 2021 में COVID-19 महामारी के दौरान शी जिनपिंग ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया था। यहां अहम यह है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका में प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स के नेताओं की एक बैठक में शामिल हुए थे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद जी20 के पश्चिम के भारी क्लब को छोड़ना इस सम्मेलन का एक निर्णायक मोड़ हो सकता है, इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी अफसोस जता चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जी20 में पश्चिम की बजाय पूर्व का दखल बढ़ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन देशों का समूह रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ एकजुटता भी दिखा सकता है। विदेश मामलों के जानकारों का मानना है कि घरेलू मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के कारण शी जिनपिंग विदेश यात्रा करने में अनिच्छुक हो सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि शी जिनपिंग अपना खुद का एजेंडा तय कर रहे हैं, जहां उनकी सर्वोच्च चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा है और उन्हें चीन में रहना है और इसके बजाय विदेशी नेताओं को उनसे मिलना है। कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि जी20 सभा से शी की अनुपस्थिति को मेजबान भारत की उपेक्षा के रूप में भी देखा जा सकता है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार यह एक संकेत हो सकता है कि चीन अपने दक्षिणी पड़ोसी पर प्रभाव डालने को तैयार नहीं है, जो सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जबकि चीन की धीमी गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हालांकि, जून 2020 में विवादित हिमालयी सीमा पर दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध भी तीन साल से अधिक समय से खराब चल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप 24 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद से भारत चीन पर काफी आक्रामक रहा है और हर कदम पर चीन को टक्कर दे रहा है।
Comments
Add Comment