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ट्रम्प सजा पाने वाले इतिहास के पहले राष्ट्रपति 

वॉशिंगटन. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें शुक्रवार को पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले से जुड़े 34 आरोपों में सजा सुनाई गई। फिलहाल, कोर्ट ने ट्रम्प को जेल न भेजकर बिना किसी शर्त बरी कर दिया है। ट्रम्प वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। 

न्यूयॉर्क की मैनहट्टन कोर्ट रूम में 4 बड़ी स्क्रीन लगाई गई। ट्रम्प सजा सुनाए जाने के दौरान इन पर नजर आए। फैसला सुनाते हुए जस्टिस जुआन मर्चेन ने कहा, मैं आपके दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं।

ट्रम्प को मिली ये सजा सिर्फ सांकेतिक है। इसका मतलब ये है कि उन्हें न तो जेल होगी और न ही उन्हें कोई जुर्माना भरना पड़ेगा। हालांकि वे एक अपराधी साबित हो चुके शख्स के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेंगे जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचेगा।

जस्टिस मर्चेन ने कहा, इस देश के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) की शक्तियों में दखलंदाजी किए बगैर ट्रम्प को बिना शर्त छोड़ना ही सही सजा होगी। ट्रम्प ये सुनकर चुप रहे और उनकी स्क्रीन एकदम से बंद हो गई।

ट्रम्प को उनके शपथ ग्रहण से ठीक 10 दिन पहले सजा सुनाई गई। उन्हें ये सजा पिछले साल जुलाई में ही सुनाई जानी थी, जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ता। इसके चलते वे बार-बार सजा को टलवाते रहे।

ट्रम्प ने 6 नवंबर को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल की थी और वे 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। ट्रम्प ने सजा से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हालांकि कोर्ट ने गुरुवार को उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।

सजा सुनाने की शुरुआत जस्टिस जोशुआ स्टीनग्लास ने की। उन्होंने कहा, ट्रम्प ने सुनवाई के दौरान कोर्ट पर जिस तरह के आरोप लगाए उनसे न्यायिक व्यवस्था की छवि को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा- ट्रम्प ने अपने किए पर पछताने के बजाय कोर्ट के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया। ये सुनकर ट्रम्प ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बस ना में सिर हिलाया। 

ट्रम्प के वकील ने कहा- वे जस्टिस स्टीनग्लास की इन बातों से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। स्टीनग्लास के बाद ट्रम्प के बोलने की बारी आई। उन्होंने कहा- ये केस उनके लिए बहुत बुरा अनुभव है, ये न्यूयॉर्क और उसके कोर्ट सिस्टम के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है।

ट्रम्प ने कोर्ट में नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत का जिक्र भी किया। उन्होंने जस्टिस डिपार्टमेंट पर मिलीभगत का आरोप लगाया। ट्रम्प ने कहा-मैं निर्दोष हूं, मेरे साथ भेदभाव हुआ है। 

ट्रम्प इस मामले में राष्ट्रपति बनने के बाद खुद को माफी दे सकते हैं। अमेरिकी संविधान राष्ट्रपति को ये अधिकार देता है। लेकिन अब तक किसी भी राष्ट्रपति ने खुद को माफी नहीं दी है। ट्रम्प ने ऐसा किया तो पहले राष्ट्रपति होंगे। न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल के पास भी ट्रम्प को माफी देने का अधिकार है।

न्यूयॉर्क कोर्ट से दोषी सिद्धि के बाद अब ट्रम्प अब गन नहीं रख पाएंगे। न्यूयॉर्क के कानून के अनुसार ट्रम्प को DNA सैंपल देना होगा। DNA प्रोफाइलिंग के बाद ये क्रिमिनल के डेटा बैंक में रिकॉर्ड होगा। फ्लोरिडा के वोटर के रूप में रजिस्टर्ड ट्रम्प का वोटिंग का अधिकार कायम रहेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जज जुआन मर्चेन ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसके बाद ट्रम्प को राष्ट्रपति को मिलने वाली कानूनी छूटों का फायदा मिल सकता है। इस कारण राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रम्प की सजा का ऐलान करना जरूरी है।

अमेरिका के संविधान के आर्टिकल 2 के सेक्शन 4 के मुताबिक, राष्ट्रपति को उनके पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रपति कानूनी प्रक्रिया से ऊपर हैं, बल्कि वे अपने पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में दोषी नहीं बन सकते।

अगर राष्ट्रपति को किसी तरह की क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो उन्हें केवल इम्पीचमेंट यानी महाभियोग के जरिए ही पद से हटाया जा सकता है। अगर वे पद से हटा दिए जाते हैं, तो उन्हें आम लोगों की तरह सामान्य कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। इसमें अभियोजन, सजा और अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हैं।

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