28.8 c Bhopal

परियोजनाओं की देरी पर पीएम ने जताई चिंता   

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं  कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। 

उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपए की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।

Comments

Add Comment

Most Popular