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भारत में मिला चीनी वायरस का दूसरा केस 

बेंगलुरु. चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस का भारत में पहला केस मिला है। वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु में 8 महीने की बच्ची पॉजिटिव आई है। 
सैंपल की जांच बैपटिस्ट अस्पताल में की गई थी। हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी लैब में नमूने की जांच नहीं कराई। रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है।

दरअसल, वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। बैठक के बाद सरकार ने कहा था कि फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन की स्थिति असामान्य नहीं है।

चीन में फैले वायरस से भारत अलर्ट, आपात बैठक

केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा, देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही WHO से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है।

सरकार बोली- टेस्टिंग लैब बढाएंगे

सरकार ने कहा कि भारत में ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है। एहतियात के तौर पर ICMR, HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा तथा पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा।

HMPV वायरस क्या है?

HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। नाक बह सकती है या गले में खराश हो सकती है। इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं।

HMPV डिजीज के लक्षण क्या हैं?

इसका सबसे कॉमन लक्षण खांसी और बुखार है। शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य वायरल जैसे ही दिखते हैं, लेकिन वायरस का असर अगर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा भी हो सकता है। HMPV वायरस (Paramyxoviridae Family) और कोरोना वायरस (Coronaviridae Family), दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं। इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं।

चीन में कोरोना जैसा नया वायरस, प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी

  • रेस्पिरेटरी इलनेस: दोनों वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
  • ट्रांसमिशन: दोनों वायरस सांस और दूषित सतह के संपर्क से फैलते हैं।
  • लक्षण: दोनों वायरस के लक्षण एक जैसे हैं। इनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • वलनरेबल ग्रुप: दोनों वायरस से सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है।
  • प्रिवेंशन: दोनों वायरस में बचाव के लिए हाथ साफ रखना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण उपाय हैं।

बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं

HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा नहीं बनी है। हालांकि, ज्यादातर लोगों पर इसका बहुत सामान्य असर होता है। इसलिए घर पर रहकर ही इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। जिन लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं, उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और कॉर्टिकास्टेरॉइड (स्टेरॉयड्स का एक रूप) दिए जाते हैं।

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इस वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। असल में HMPV वायरस के कारण अभी तक ऐसी स्थितियां नहीं बनी हैं कि इसके लिए कोई वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े।

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