एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
प्रयागराज. उत्तरप्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री को लेकर सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा, जिस किसी को भी भारत की सनातन परंपरा में विश्वास है, वह यहां आएं, उनका स्वागत है, लेकिन गलत मानसिकता के साथ जो लोग आएंगे, भूमि पर कब्जा करने आएंगे उनको डेंटिंग-पेंटिंग का सामना करना पड़ सकता है।
योगी ने यह बातें शुक्रवार को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही।
ये आस्थावानों का महासमागम
योगी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ये आस्थावानों का महासमागम है। भारत और भारतीयता के प्रति सनातन के प्रति जिसके मन में सम्मान और श्रद्धा का भाव है वे यहां आए तो उसके साथ कोई रोकटोक नहीं हैं, लेकिन कोई कलुषित मानसिकता से यहां आता है तो मुझे लगता है कि उसकी भावनाओं को भी अच्छा नहीं लगेगा। उसके साथ अलग तरीके से व्यवहार हो सकता है। वैसे लोग न भी आएं तो अच्छा है। लेकिन श्रद्धा के साथ आने वाला हर व्यक्ति प्रयागराज आए। जो अपने को भारतीय मानता है भारत की सनातन परंपरा पर श्रद्धा का भाव रखता है। श्रद्धा के साथ आने वाला हर व्यक्ति प्रयागराज आए। जो अपने को भारतीय मानता है, भारत की सनातन परंपरा पर श्रद्धा का भाव रखता है। वह यहा आए।
ऐसे लोगों का करेंगे स्वागत
सीएम योगी ने कहा, कुंभ में ऐसे ही लोगों का स्वागत है, जो अपने को भारतीय मानते हों। सनातन परंपरा में श्रद्धा रखते हैं। जिन्हें ऐसा लगता है कि भूतकाल में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे सनातनी हैं। जो मुसलमान अपने गोत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं। ऐसे लोग प्रयागराज आएं। यहां आकर परंपरागत तरीके से संगम में स्नान करें। ऐसे लोगों के आने में कोई समस्या नहीं है।
याद रखिए—बंटेंगे तो कटेंगे, इतिहास देख लीजिए
बंटेंगे तो कटेंगे, नारे को लेकर योगी ने कहा- इतिहास को उठाकर देखेंगे, तब इस बात को देखेंगे कि बंटे थे तो कटे थे। अगर आप इतिहास की उस गलती से सबक सीखेंगे। फिर कभी भी ऐसी नौबत नहीं आएगी कि कोई भी गुलामी की बेड़ियों में हमें जकड़ पाए।
संविधान का गला घोंटने वाले ही बने चिंतक
इंडी गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) ने लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार किया था। संविधान के बारे में दुष्प्रचार कर रहे थे, जिन लोगों ने स्वयं संविधान का गला घोंटा है। बाबा साहब ने जो मूल प्रति संविधान सभा में प्रस्तुत की थी, जिसे लागू किया गया था। उसमें कहीं भी सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं हैं। ये शब्द तब डाला गया जब देश में आपातकाल लागू था। सीएम ने कहा, जिन लोगों ने लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटा था। वे लोग संविधान की प्रति हाथों में लेकर लोगों को बेवकूफ बना रहे थे। देश की जनता इन लोगों को समझ गई है। इसीलिए आज सबक सिखा रही है।
आस्था का ठेस पहुंचाकर खड़ा कर दिया ढांचा
सीएम योगी ने कहा, किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिए। हम जिस दिन मस्जिद बोलना बंद कर देंगे तो उस दिन लोग जाना भी बंद कर देंगे। यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ भी है कि किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचाकर, वहां मस्जिद नुमा ढांचा खड़ा कर दिया हो। ऐसे स्थान पर किसी भी प्रकार की होने वाली इबादत खुदा को भी मंजूर नहीं होती है। जब खुदा को मंजूर नहीं होती है तो बेकार में वहां क्यों इबादत की जाए।
इस्लाम में उपासना के लिए एक स्ट्रक्चर खड़ा हो, यह आवश्यक नहीं है, जबकि यह सनातन धर्म में है। सनातनी उपासना के लिए मंदिर जाएगा, इस्लाम के लिए नहीं है। ऐसे में हमे किसी भी ढांचे को मस्जिद बोलने की जिद्द नहीं करनी चाहिये। यह समय एक नये भारत के बारे में सोचना के साथ आगे बढ़ने का है। हमे इस ओर ध्यान देना चाहिए।
वक्फ बोर्ड नहीं भूमाफियाओं का बोर्ड
सीएम योगी ने कहा, प्रयागराज की इस धरती पर हजारों वर्ष से कुंभ का आयोजन होता आ रहा है। इसके बाद भी उसको कोई वक्फ बोर्ड की लैंड बोल दे तो बस यही कहना है कि ये वक्फ बोर्ड है या भूमाफियाओं का बोर्ड है। इस तरह की दुष्प्रवृत्ति पर रोक लगनी ही चाहिए और हम रोक लगाएंगे। हमने कुछ संशोधन यहां पर किए हैं कि कोई भी जमीन जिस पर वक्फ ने कब्जा किया है या दावा किया है, 1363 फसली की उसके पूरे रिकॉर्ड को चेक किया जाए। कहीं भी वक्फ शब्द आता है तो पहले उसे देखो की जमीन किसके नाम पर थी और फिर उसको हम वापस दिलाने का काम कर रहे हैं। कहीं भी, किसी भी ऐसी जमीन पर जो सार्वजनिक उपयोग में होगी।
हिंदू आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की जमीन होगी या सरकार की होगी, यहां पर इस प्रकार के किसी भी भूमाफिया बोर्ड को कब्जा नहीं करने देंगे। ये कुंभ की भूमि है और आने वाले साधु-संतों को कुम्भ के आयोजन के लिए इसी प्रकार से उपलब्ध होती रहेगी। दुनियाभर से आस्थावान लोग प्रयागराज के महाकुंभ में आ रहे हैं और अगर कोई उनकी आस्था और श्रद्धा को ठेस पहुंचाने के लिए ये कहता है कि साहब यह तो वक्फ की जमीन है। मैं पूछना चाहता हूं कि हजारों वर्षों की भारत की विरासत का प्रतीक आयोजन यहीं पर होता आया है।
10300 क्यूसेक पानी सिर्फ गंगा और यमुना में, ये पवित्र
संगम पर नदी के पानी में प्रदूषण पर योगी ने कहा, मैंने भी कुछ ऐसे बयान पढ़े थे और मैं यहां पर कई बार आया हूं। संगम के तट पर आकर जल को देखा है, जल की मात्रा को देखा है। जल से स्नान भी किया और उसका आचमन भी किया है। मेरा तो स्वास्थ्य खराब नहीं हुआ। कुछ लोगों ने दुष्प्रचार का एक ठेका ले रखा है। इससे पहले क्या था, इस पर कुछ नहीं कह सकता। स्वतंत्र भारत में संगम में इतना व्यापक पैमाने पर जल की राशि देखने को नहीं मिली रही होगी। मौजूदा वक्त में 10 हजार तीन सौ से ज्यादा क्यूसेक पानी केवल गंगा और यमुना में है। यह इतना पवित्र है कि आप वहां स्नान भी कर सकते हैं और बिना किसी संकोच के आचमन भी कर सकते हैं। मैं खुद करता हूं। यह मेरी आस्था भी है।
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