
भोपाल। ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के नेतृत्व में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया गया। शांतिपूर्ण के दौरान ओबीसी महासभा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने जवाहर चौक से प्रदर्शन शुरू किया और रंगमहल चौराहे पर जाकर सभा के रूप में समापन किया। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में ओबीसी समाज के लोगों ने भाग लिया और सरकार के प्रति अपना असंतोष प्रकट किया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रदर्शन की मुख्य मांगें
1. मध्य प्रदेश में 13% ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए।
2. 27% ओबीसी आरक्षण को राज्य में पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
3. केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना शीघ्र कराए जाने की मांग।
4. ओबीसी युवाओं को रोजगार एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में न्यायोचित भागीदारी मिले।
किसने क्या कहा
लोकेंद्र गुर्जर, राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य बोले, “अगर सरकार ने तत्काल 27% आरक्षण लागू नहीं किया, तो ओबीसी महासभा राजधानी में स्थायी धरना देगी, रेल और सड़क मार्ग अवरुद्ध करेगी। यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर है।”
एड. धर्मेंद्र कुशवाह बोले, “10 जुलाई को प्रदेश के सभी ज़िलों में चेतावनी स्वरूप प्रदर्शन किया गया था, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब यह लड़ाई निर्णायक होगी।”
एड. महेंद्र लोधी बोले, “यह गरीब, वंचित, मजदूर, किसान, दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई है, जिसे अंतिम सांस तक लड़ा जाएगा।”
पुष्पराज पटेल बोले, “जब 7% सवर्णों को 10% EWS आरक्षण दिया जा सकता है, तो फिर 52% ओबीसी समाज को 27% आरक्षण से वंचित क्यों रखा जा रहा है?”
एड. विश्वजीत रतौनिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता: बोले, “उच्च न्यायालय ने आरक्षण विरोधी सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं, फिर भी सरकार निष्क्रिय है। यह असंवैधानिक और पिछड़ा विरोधी मानसिकता का परिचायक है।”
राकेश पटेल, प्रदेश अध्यक्ष बोले
“यह सामाजिक न्याय और अधिकार की लड़ाई है , अब पीछे हटने का कोई विकल्प नहीं है। यह अब समाज के वर्चस्व की लड़ाई बन चुकी है।”
ये रहे पदाधिकारी, कार्यकर्ता रहे मौजूद
एड. वैभव सिंह, एड. धर्मेंद्र कुशवाह, एड. महेंद्र लोधी, एड. विश्वजीत रतौनिया, राकेश पटेल, महेंद्र पाल, अरविंद दांगी, पिंकी कुशवाह, संजू कुशवाह, सौरव कुशवाह, रविंद्र लोधी, सीताराम लोधी सहित अनेक जिला एवं ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।