
भोपाल। पिछले साल मध्य प्रदेश में 45 चौकियों पर 14,610 वाहनों को रोककर जांच की गई, जिनसे 2.74 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया, लेकिन जब ये पूरी तरह से चौकियों के रूप में काम कर रही थीं, तब इनसे सालाना लगभग 100 करोड़ रुपए की कमाई हो रही थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दरअसल, कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाया और आधिकारिक परिवहन चौकियों के बंद होने से राजस्व में आई गिरावट पर सवाल उठाया। उन्होंने जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक चौकियों के बंद रहने, स्थापित की गई नई चौकियों की संख्या और वसूले गए जुर्माने के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने इन नई चौकियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर भी स्पष्ट जानकारी मांगी।
जवाब में परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जुलाई 2024 से सभी 45 चौकियां बंद कर दी गई हैं और उनकी जगह उन्हीं स्थानों पर 45 सड़क सुरक्षा एवं सूचना चौकियां स्थापित की गई हैं। ग्रेवाल ने बताया कि बुनियादी ढांचे या कर्मचारियों की संख्या में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वही कर्मचारी तैनात हैं और रसीद पेटियां, कैशबुक, डायरियां, तौल मशीनें, गोदाम, वाहन निरोधक क्षेत्र और इमारतें जैसे संचालन उपकरण पहले की तरह ही इस्तेमाल होते रहे हैं।
ग्रेवाल ने दावा किया कि जब ये आधिकारिक चौकियां थीं, तब करोड़ों वाहनों की जांच करके 100 करोड़ रुपए से ज़्यादा का जुर्माना वसूला जाता था। इसके विपरीत नए प्रारूप के तहत एक साल में सिर्फ़ 15,000 वाहनों से केवल 2.74 करोड़ रुपए वसूले गए हैं।
पूर्व पुलिसकर्मी की संपत्ति की कोई जांच नहीं: मंत्री
विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पूर्व परिवहन कॉस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच से जुड़ा सवाल पूछा। शार्म पर ज्ञात आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। जवाब में परिवहन मंत्री ने कहा कि कोई जांच की योजना नहीं है, क्योंकि शर्मा ने सेवा से इस्तीफा दे दिया है और अब वह परिवहन विभाग का हिस्सा नहीं हैं।