
भोपाल। एक बड़े संयुक्त अभियान के तहत मध्य प्रदेश राज्य साइबर पुलिस ने जिला पुलिस बलों के साथ मिलकर ‘फर्जी-एक्टिवेटेड-सिम-टर्मिनेशन’ (FAST) ऑपरेशन शुरू किया। इसका मकसद नकली सिम कार्ड इस्तेमाल करने वालों और फर्जी मोबाइल कनेक्शन जारी करने वाले पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) एजेंटों को निशाना बनाना था। यह कार्रवाई राज्य के 20 जिलों में की गई, जिसमें कई गिरफ्तारियां और बरामदगी हुई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राज्य साइबर पुलिस के पुलिस अधीक्षक प्रणय नागवंशी ने छह सदस्यीय विशेष अभियान दल (SOG) के साथ 15 दिन का एक्शन प्लान और 24×7 कंट्रोल रूम बनाया, ताकि फर्जी सिम गतिविधियों के हॉटस्पॉट का पता लगाया जा सके।
गृह मंत्रालय के अनुसार, 3,824 संदिग्ध POS विक्रेताओं ने लगभग 7,500 नकली सिम कार्ड जारी किए, जिनमें से कई बाद में भारत भर में साइबर धोखाधड़ी मामलों से जुड़े पाए गए। इन सिम कार्डों के संबंध में लगभग 6,200 शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज की गईं।
इन राज्यों को सप्लाई किए जा रहे थे सिम
जांच से पता चला कि नकली सिम कार्ड न केवल झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे विभिन्न भारतीय राज्यों में बड़े पैमाने पर सप्लाई किए जा रहे थे, बल्कि साइबर अपराधी कंबोडिया और थाईलैंड जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भी इनका इस्तेमाल कर रहे थे।
इन सिम के जरिए संगठित साइबर अपराध
ये सिम कार्ड संगठित साइबर अपराधों में अहम भूमिका निभाते थे, जिसमें डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले, फर्जी लोन ऐप और वित्तीय धोखाधड़ी शामिल हैं। साइबर पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि बाकी संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। यह ऑपरेशन SOG, साइबर और हाई-टेक क्राइम पुलिस स्टेशन (भोपाल), सभी ज़ोनल साइबर कार्यालयों और जिला पुलिस बलों द्वारा व्यापक तकनीकी निगरानी और ग्राउंड-लेवल जांच के बाद किया गया था।
गिरफ्तारियां और बरामदगी
पहले चरण में पुलिस ने 20 जिलों में 94 संदिग्धों (POS एजेंट और फर्जी कैफ़े ऑपरेटर) के खिलाफ 50 एफआईआर दर्ज कीं। अब तक 44 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
ये किया जब्त
24 एक्सपायर्ड सिम कार्ड
26 मोबाइल फोन और लैपटॉप
22 एक्टिव सिम कार्ड
7 फिंगरप्रिंट मशीन
3 डेबिट कार्ड और 2 बैंक पासबुक
100 नकली सिम कार्ड
20,000 रुपए नकद और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज
नकली सिम रैकेट के हॉटस्पॉट
सीधी, छतरपुर, दतिया, डिंडोरी, शिवपुरी नकली सिम रैकेट के हॉटस्पॉट हैं। इसके अलावा ग्वालियर, इंदौर, दमोह, मुरैना और जबलपुर भी ध्यान देने वाले जिले शामिल हैं।
‘मछली’ प्रेम पर बवाल, आरोपों में फंसे BJP विधायक के भतीजे, पूर्व मंत्री पर ठोका मानहानि का दावा
भोपाल। राजधानी भोपाल के कुख्यात ‘मछली परिवार’ से अपना नाम जोड़े जाने पर बीजेपी विधायक के भतीजे ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री को घेर लिया है। सीधी जिले की सिहावल सीट से बीजेपी विधायक विश्वामित्र पाठक के भतीजे जैनेंद्र पाठक ने कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल को कानूनी नोटिस भेजा है।
जैनेंद्र पाठक ने कानूनी नोटिस सोशल मीडिया पर शेयर कर लिखा, राजनीति में हमेशा से आरोप प्रत्यारोप लगाने का प्रचलन रहा है, लेकिन राजनेता हमेशा से तथ्यों के आधार पर ही अपनी बात रखते रहे हैं। व्यक्तिगत आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जानकारी जरूर ली जाती है।
मैंने आपका बयान और आपके सोशल मीडिया हैंडल पर अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सुना और देखा। आपने बिना तथ्य और किसी पुख्ता जानकारी के मेरे ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। पहले मैंने सोचा कि आपकी इस ओछी हरकत का जवाब नहीं दूंगा, लेकिन आप जब लगातार बयानबाजी करने लगे हैं, तो जवाब देना जरूरी हो गया है।
मै और मेरा परिवार भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं। हम कभी भी किसी अपराध या अपराधी को बढ़ावा नहीं देते हैं, लेकिन आपकी पार्टी और आपने मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को मोहरा बनाकर हमारी पार्टी और राज्य की न्यायप्रिय मोहन यादव सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया है, जिसके लिए मैं अपने एडवोकेट के जरिए आपको लीगल नोटिस भेज रहा हूं। या तो आप सार्वजनिक रूप से अपने दिए गए बयान को तत्काल वापस लेते हुए माफी मांगें, या फिर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहिए।
NHRC सदस्य के हालिया पोस्ट से भड़का विवाद
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने जैनेंद्र पाठक पर गंभीर आरोप लगाए थे। प्रियंक कानूनगो ने X पर लिखा, मेरे दिल्ली शासकीय आवास पर जैनेंद्र पाठक नामक एक व्यक्ति स्वयं को मध्यप्रदेश का निवासी बता कर मुलाक़ात के लिए आया। मुझसे मिलकर बोला कि वह भोपाल वाले शारिक मछली के साथ प्रॉपर्टी का धंधा करता है और उसकी तरफ से आया है, उसका बहुत नुकसान हो गया है उसको छोड़ दीजिए।
कानूनगो ने आरोप लगाया कि जैनेंद्र पाठक ने प्रॉपर्टी डील के नाम पर उनको लालच देने की कोशिश भी की। वह अपने साथ मिठाई का डिब्बा भी लाया था और भेंट स्वरूप देना चाहता था, लेकिन उन्होंने सख्ती से इनकार करते हुए आरोपी को बाहर निकलवा दिया। बताया जाता है कि वह मिठाई का डिब्बा दरवाजे पर ही छोड़कर वहां से भाग गया। अब दिल्ली पुलिस ने मिठाई का डिब्बा जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
कमलेश्वर पटेल ने लिखा पोस्ट
इसी मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कमलेश्वर पटेल ने लिखा था, आखिर क्यों भाजपा विधायक का भतीजा, लव जिहाद और ड्रग्स माफिया के आरोपी ‘मछली’ को बचाने के लिए दिल्ली में सिफारिश कर रहा है?
कौन है ‘मछली परिवार’
बता दें कि राजधानी भोपाल के ‘मछली परिवार’ पर ड्रग्स की तस्करी और ब्लैकमेलिंग के गोरखधंधे में शामिल रहने के आरोप हैं। पुलिस के मुताबिक, यह परिवार न सिर्फ ड्रग्स सप्लाई में शामिल रहा है, बल्कि प्राइवेट कॉलेज के ‘लव जिहाद’ मामले में छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाने में भी उसकी भूमिका सामने आई है। मछली परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जिसमें ड्रग्स की तस्करी, यौन शोषण और जबरन वसूली के आरोप शामिल हैं।
ड्रग्स की तस्करी मामले में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को भोपाल क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। तलाशी में उनके पास से तीन ग्राम एमडी ड्रग और एक देशी पिस्तौल बरामद हुई थी। भोपाल जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीमों ने ड्रग्स की तस्करी के कारोबार में शामिल होने के आरोपी ‘मछली’ परिवार की करोड़ों की संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया।