
नई दिल्ली। दुनिया में मुस्लिम आबादी सबसे तेजी से बढ़ रही है। Pew Research Center के नए अनुमानों के मुताबिक, 2020 तक के दशक में मुसलमानों की संख्या किसी भी अन्य प्रमुख धार्मिक समूह की तुलना में तेज़ी से बढ़ी है। ईसाईयों के बाद मुसलमान दुनिया में दूसरे सबसे बड़े धार्मिक समूह बने रहे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!2010 से 2020 तक मुसलमानों की संख्या 347 मिलियन बढ़कर 2.0 बिलियन हो गई। ईसाईयों की संख्या 122 मिलियन बढ़कर 2.3 बिलियन हो गई। विश्लेषण में बौद्ध एकमात्र समूह है? जिसकी संख्या में 19 मिलियन की कमी आई है और यह 324 मिलियन हो गई है।
एक बार चार्ट दिखा रहा है कि 2010 से 2020 तक मुस्लिम आबादी किसी भी अन्य धर्म की तुलना में अधिक बढ़ी है।
प्यू रिसर्च सेंटर्स के अनुमानों में 201 देश और क्षेत्र शामिल हैं, जहां दुनिया की 99.98% आबादी रहती है। इसने लोगों के सात समूहों पर ध्यान केंद्रित किया। इनमें ईसाई, मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध, यहूदी अन्य सभी धर्मों के अनुयायी और वे लोग जो किसी भी धर्म से खुद को नहीं जोड़ते।

दशक के दौरान मुसलमानों की संख्या में वृद्धि (347 मिलियन) सभी गैर-मुस्लिम धर्मों (248 मिलियन) की तुलना में अधिक हुई। वास्तव में मुस्लिम आबादी में वृद्धि 2020 में दुनिया भर में बौद्धों की कुल संख्या (324 मिलियन) से अधिक थी।
मुस्लिम आबादी की तीव्र वृद्धि के परिणामस्वरूप मुसलमानों और ईसाइयों की वैश्विक संख्या के बीच का अंतर कम हो रहा है। 2010 में मुसलमानों की संख्या दुनिया की आबादी का 23.9% थी और ईसाइयों की संख्या 30.6% थी। 2020 तक मुसलमानों की संख्या 25.6% और ईसाइयों की संख्या 28.8% थी। ईसाइयों की संख्या में वृद्धि असहमति की उच्च दरों के कारण धीमी हो गई थी।
वैश्विक मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि के कारण
जनसांख्यिकीय कारकों के कारण वैश्विक मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी। मुसलमानों के ज़्यादा बच्चे हैं और वे औसतन किसी भी अन्य प्रमुख धर्म के सदस्यों की तुलना में कम उम्र के हैं। 2015-2020 की अवधि के डेटा के आधार पर अनुमान लगाया गया कि एक मुस्लिम महिला के अपने जीवनकाल में औसतन 2.9 बच्चे होंगे, जबकि गैर-मुस्लिम महिलाओं के लिए यह 2.2 बच्चे हैं। 2020 में मुसलमानों के लिए वैश्विक औसत आयु गैर-मुस्लिम औसत से नौ वर्ष कम थी (24 बनाम 33)।
वैश्विक स्तर पर मुस्लिम जनसंख्या परिवर्तन का लोगों के धर्म में आने या धर्म छोड़ने से बहुत कम लेना-देना है। 2008 से 2024 तक 117 देशों और क्षेत्रों में एकत्र किए गए सर्वेक्षण डेटा के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि लगभग 1% लोग जो मुस्लिम हैं, वे धर्म छोड़ देते हैं। इस नुकसान की भरपाई इस्लाम में शामिल होने वाले लोगों की तुलनात्मक आमद से होती है।
2020 में मुसलमानों की सबसे बड़ी संख्या एशिया-प्रशांत क्षेत्र (1.2 बिलियन) में रहती थी, उसके बाद मध्य पूर्व-उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र (414 मिलियन) का स्थान आता है। उप-सहारा अफ्रीका के 369 मिलियन मुसलमानों ने तीसरी सबसे बड़ी क्षेत्रीय मुस्लिम आबादी बनाई। यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मुस्लिम आबादी बहुत कम है। हालांकि, वे इन क्षेत्रों में गैर-मुस्लिम आबादी की तुलना में 2010 से 2020 तक बहुत तेज़ी से बढ़ी हैं।
2020 में मुसलमानों की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका था, जहां वे क्षेत्रीय कुल का 94% हिस्सा थे। फिर भी जबकि इस्लाम इस क्षेत्र से निकटता से जुड़ा हुआ है, यह दुनिया भर के मुसलमानों का केवल पांचवां हिस्सा ही रहता है।
इंडोनेशिया में दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी
2020 में सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश मध्य पूर्व-उत्तरी अफ़्रीका क्षेत्र से बाहर हैं। इंडोनेशिया (239 मिलियन), पाकिस्तान (227 मिलियन), भारत (213 मिलियन) और बांग्लादेश (151 मिलियन)। दुनियाभर में मुसलमान 53 देशों और क्षेत्रों में बहुसंख्यक आबादी है।