
भोपाल। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने शुक्रवार को भोपाल में 16 महत्वपूर्ण यातायात ब्लैक स्पॉट का स्थलीय निरीक्षण किया। यह दौरा शहर और पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा उपायों को मज़बूत करने और यातायात संबंधी मौतों को कम करने के चल रहे अभियान का हिस्सा था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!न्यायमूर्ति सप्रे ने प्लैटिनम प्लाज़ा से अपना निरीक्षण शुरू किया, जहां उन्होंने दुर्घटनाओं की आवृत्ति और कारणों का आकलन किया। उन्होंने लंबित ब्लैक स्पॉट सुधार कार्यों को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को इस मामले को तत्परता से निपटाने के निर्देश दिए।
तरुण पुष्कर तिराहा पर अधिकारियों ने उन्हें समर्पित लेफ्ट टर्न लेन की अनुपस्थिति से उत्पन्न यातायात समस्याओं के बारे में जानकारी दी। स्मार्ट पोल के स्थानांतरण के बाद वर्तमान में वहां कार्य चल रहा है।
रेड क्रॉस अस्पताल जंक्शन पर रोटरी को फिर से डिज़ाइन करने की योजना पर चर्चा की गई, जबकि जिला न्यायालय के पास वाले चौराहे को सुधार के लिए चिह्नित किया गया। टीम ने पर्यावरण भवन के पास बंद किए गए ब्लैक स्पॉट जैसे पिछले हस्तक्षेपों की भी समीक्षा की और रायसेन रोड पर ईस्ट बीएचईएल और रत्नागिरी सहित प्रमुख चौराहों का निरीक्षण किया।
न्यायमूर्ति सप्रे ने निर्देश दिया कि शहर के यातायात सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए सभी चिन्हित ब्लैक स्पॉट का सुधार प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने ‘हेलमेट नहीं, पेट्रोल नहीं’ नियम के सख्त पालन के महत्व पर ज़ोर दिया और हेलमेट कानूनों के पालन में कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए छह महीने बाद एक अनुवर्ती निरीक्षण की घोषणा करते हुए समापन किया।
पुलिस ने हेलमेट नियम का उल्लंघन किया
गुरुवार को न्यायमूर्ति अभय सप्रे के स्पष्ट निर्देशों और उसके बाद भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा के सख्त आदेश के बावजूद शुक्रवार के निरीक्षण के दौरान कई पुलिसकर्मी बिना हेलमेट के देखे गए। इससे पहले सड़क सुरक्षा बैठक में न्यायमूर्ति सप्रे ने सरकारी कर्मचारियों, खासकर पुलिस द्वारा हेलमेट और सीट बेल्ट के अनिवार्य उपयोग पर ज़ोर दिया था।
उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई
पुलिस आयुक्त मिश्रा ने कहा कि इन उल्लंघनों के लिए पुलिस अधिकारियों सहित उल्लंघनकर्ताओं को पेट्रोल न देने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा, नागरिकों को नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस को उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
निरीक्षण के बाद उन्होंने जिला न्यायालय का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सड़क सुरक्षा के चिंताजनक आँकड़े प्रस्तुत किए। न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा, भोपाल में पिछले पाँच वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में 900 से अधिक लोगों की जान गई है। इनमें से 543 लोग हेलमेट नहीं पहने हुए थे। उन्होंने इन मौतों के लिए व्यवहारिक लापरवाही और कमज़ोर प्रवर्तन को ज़िम्मेदार ठहराया।
जिला न्यायालय के अपने दौरे के दौरान न्यायमूर्ति सप्रे ने विधिक समुदाय से सड़क सुरक्षा अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। वकीलों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे जल्द ही शहर में एक सड़क सुरक्षा बाइक रैली का आयोजन करेंगे।
मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर
जिला न्यायालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा कि पिछले वर्ष ही भारत में 4 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें लगभग 1 लाख लोगों की मृत्यु हुई। दुर्घटना संख्या के मामले में मध्य प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है, जिसमें भोपाल राज्य सबसे आगे है।