
भोपाल। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) की स्थायी वित्त समिति (SFC) ने दो बड़ी परियोजनाओं एम्स, भोपाल में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा के लिए शीर्ष बाल चिकित्सा इकाई और ऑन्कोलॉजी केंद्र खोलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस वर्ष जून में नई दिल्ली में हुई SFC की यह 13वीं बैठक थी। SFC बैठक के एजेंडे के अनुसार एम्स, भोपाल ने G+1 की नींव के साथ शीर्ष बाल चिकित्सा केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। SFC ने कहा कि व्यय विभाग ने अनुदान सहायता के माध्यम से नए एम्स के निर्माण से जुड़े किसी भी विस्तार को सैद्धांतिक मंजूरी देने से इनकार कर दिया है और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के अगले चरण में सलाह दी है।
इसी तरह 200 बिस्तरों वाले एपेक्स ऑन्कोलॉजी और 300 बिस्तरों वाले ट्रॉमा लेवल-1 के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ। यह G+5 निर्माण था। इसके अलावा एम्स ने डायग्नोस्टिक सेवा के सुचारू संचालन के लिए 55 तकनीशियनों की मांग की थी।
एसएफसी ने बताया कि 2019 में चौथी बैठक में 150 तकनीशियनों को मंजूरी दी गई थी। अब तक केवल 73 तकनीशियन ही नियुक्त किए गए हैं। एसएफसी ने एम्स को बायोकेमिस्ट्री, रेडियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी जैसे विभिन्न विभागों (प्रत्येक में 10) में आउटसोर्स आधार पर 40 तकनीशियन नियुक्त करने की सलाह दी है।
इसी तरह एसएफसी ने सीटी स्कैनर (256 स्लाइस) के लिए भी मंजूरी दे दी है। 2022 में 13 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ अनुमति दी गई। इससे पहले एम्स प्रशासन ने कहा था कि एम्स भोपाल मरीजों को तृतीयक देखभाल सुनिश्चित करने के लिए एपेक्स पीडियाट्रिक्स और ऑन्कोलॉजी सेंटर जोड़ने जा रहा है, जहां तक एम्स में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का सवाल है, ये बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं। हालांकि, एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह का कहना है कि ‘एपेक्स पीडियाट्रिक्स और 200 बेड वाले एपेक्स ऑन्कोलॉजी और 300 बेड वाले ट्रॉमा लेवल-1 के निर्माण से संबंधित दोनों प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन हैं।’