
वॉशिंगटन। अमेरिकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एआई शिखर सम्मेलन में चीन में कारखाने लगाने और भारत में नौकरियां आउटसोर्स करने के लिए अमेरिकी तकनीकी कंपनियों की आलोचना की और उन पर अमेरिकी कर्मचारियों की कीमत पर “कट्टरपंथी वैश्वीकरण” अपनाने का आरोप लगाया।उन्होंने शिखर सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए और चेतावनी दी कि उनके प्रशासन में ये प्रथाएं जारी नहीं रहेंगी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ट्रंप ने कहा, बहुत लंबे समय तक अमेरिका का अधिकांश तकनीकी उद्योग एक ऐसे कट्टर वैश्वीकरण का अनुसरण करता रहा, जिससे लाखों अमेरिकी अविश्वास और विश्वासघात का अनुभव करते रहे। उन्होंने आगे कहा, हमारी कई बड़ी तकनीकी कंपनियों ने चीन में अपने कारखाने बनाकर भारत में कर्मचारियों की नियुक्ति करके और आयरलैंड में मुनाफे में कटौती करके अमेरिकी स्वतंत्रता का लाभ उठाया है। साथ ही वे अपने ही देश में अपने साथी नागरिकों को बर्खास्त और यहां तक कि सेंसर भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब उनके राष्ट्रपति रहते वे दिन अब खत्म हो गए हैं।
ट्रंप ने आग्रह किया कि अमेरिका को “सिलिकॉन वैली और उससे भी आगे देशभक्ति और राष्ट्रीय निष्ठा की एक नई भावना” की आवश्यकता है और अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों से “अमेरिका के लिए पूरी तरह से समर्पित” होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,”हम चाहते हैं कि आप अमेरिका को प्राथमिकता दें। आपको ऐसा करना ही होगा। हम बस यही चाहते हैं।
राष्ट्रपति ने वैश्विक एआई दौड़ में संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मकता को मज़बूत करने की अपनी प्रशासन की रणनीति के तहत तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इनमें एआई विकास के लिए व्हाइट हाउस की एक कार्य योजना और घरेलू एआई को समर्थन देने के लिए एक समन्वित राष्ट्रीय पहल के तहत व्यापक अमेरिकी एआई प्रौद्योगिकी पैकेजों के निर्यात को बढ़ावा देने वाला एक आदेश शामिल है।