
भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को भोपाल मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन में हिस्सा लिया, जो सुभाष नगर स्टेशन से एम्स तक और बाद में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक चली। इस अनुभव को “सुखद” बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार भोपाल के लोगों को जल्द से जल्द मेट्रो का तोहफा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका लक्ष्य अक्टूबर में मेट्रो का शुभारंभ करना है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एक आम यात्री की तरह मेट्रो का आनंद लेते हुए सीएम के साथ शहरी विकास मंत्री कृष्णा गौर, एसीएस संजय दुबे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
रानी कमलापति स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए यादव ने कहा कि अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने मेट्रो का निरीक्षण कर लिया है और मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) जल्द ही अंतिम निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा, सीएमआरएस की मंजूरी मिलते ही हम प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर मेट्रो को जनता के लिए खोल देंगे।
यात्रा से पहले सीएम ने सुभाष नगर स्टेशन के पास मेट्रो कमांड सेंटर का भी दौरा किया और परियोजना की परिचालन प्रणालियों और तकनीकी पहलुओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भोपाल मेट्रो राज्य की तीव्र प्रगति का एक प्रमुख प्रतीक है।
इस परियोजना की कुल लागत 6,941.40 करोड़ रुपए है, जबकि सुभाष नगर से एम्स तक प्राथमिकता कॉरिडोर का विकास अकेले 2,225 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। ऑरेंज और ब्लू, दोनों लाइनों को 2030 से पहले पूरी तरह से चालू करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया गया है।
90 किमी/घंटा की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन की गई मेट्रो ट्रेनें 40 से 60 किमी/घंटा की परिचालन गति से चलेंगी, और प्रत्येक स्टेशन पर औसतन दो मिनट रुकेंगी। यात्रियों को एस्केलेटर, लिफ्ट, ब्रेल साइनेज, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छ शौचालय और दिव्यांगों के लिए सुविधाओं सहित आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। भोपाल के लिए स्वीकृत 27 ट्रेनों में से पांच पहले ही शहर में आ चुकी हैं।
इंदौर मेट्रो साल के अंत तक पूरी तरह से चालू हो जाएगी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि इंदौर मेट्रो पहले से ही चालू है और सरकार इस साल के अंत तक सुपर कॉरिडोर से मालवीय नगर स्क्वायर तक के खंड पर पूर्ण परिचालन का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिससे इंदौरवासियों को पूर्ण मेट्रो कनेक्टिविटी मिल सकेगी। मेट्रो के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में सुभाष नगर से एम्स तक आठ एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। प्राथमिकता वाले कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 7.5 किमी है।
मेट्रो ट्रेन के शुभारंभ से भोपाल को आधिकारिक तौर पर मेट्रो शहर का दर्जा मिल जाएगा।