
नई दिल्ली। एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए 25,756 सेवानिवृत्त केंद्र सरकार के कर्मचारी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। सरकार ने संसद को सूचित किया है कि ये वे कर्मचारी हैं जिनकी मृत्यु हो गई है या जो 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले सेवानिवृत्त हो गए हैं और जिन्होंने एनपीएस के तहत दस वर्ष या उससे अधिक की अर्हक सेवा पूरी कर ली है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!20 जुलाई, 2025 तक सरकार को यूपीएस लाभों के लिए 7,253 दावे प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 4,978 दावों का भुगतान शीघ्रता से किया गया है। यह पात्र लाभार्थियों के बीच इस योजना के बढ़ते उपयोग को दर्शाता है।
यूपीएस को विशेष रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में पेश किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि वर्तमान में इन लाभों को अन्य पेंशन योजनाओं या क्षेत्रों तक विस्तारित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
कर्मचारियों और विभिन्न संघों के ज्ञापनों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने पहले यूपीएस चुनने की अंतिम तिथि को तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर, 2025 कर दिया था। इस विस्तार से पात्र व्यक्तियों को अपना निर्णय लेने के लिए अधिक समय मिलता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने यूपीएस लाभार्थियों की वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाया है। इसने यूपीएस के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 के प्रावधानों के तहत ‘सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी’ का लाभ प्रदान किया है।
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने कराधान में समानता सुनिश्चित की है, यूपीएस को वही कर लाभ प्रदान किए हैं जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत एनपीएस को मिलते हैं।
यूपीएस के अंतर्गत लाभ
इस एकीकृत पेंशन योजना के तहत सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कर्मचारियों को उनके वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिले। पेंशन योजना में सरकार का योगदान 14% से बढ़कर 18.5% हो गया है।
यह योजना सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के बराबर पेंशन की गारंटी देती है, बशर्ते उन्होंने न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो।
पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार को पेंशनभोगी की मृत्यु के समय वितरित की जा रही पेंशन राशि का 60% प्राप्त होगा। यह योजना सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम 10,000 रुपए मासिक पेंशन की गारंटी देती है, बशर्ते उन्होंने न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो।
विशेष रूप से सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन को मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित किया जाएगा। इसका अर्थ है कि भुगतान में महंगाई राहत शामिल होगी, जो वर्तमान सरकारी कर्मचारियों की तरह ही औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) पर आधारित है।
ग्रेच्युटी के अलावा सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त राशि दी जाएगी। सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को प्रत्येक छह महीने की पूरी सेवा के लिए उनके मासिक वेतन (वेतन और महंगाई भत्ते सहित) का 1/10 भाग प्राप्त होगा। इस एकमुश्त भुगतान का गारंटीकृत पेंशन की राशि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।