
भोपाल। चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए) मध्य प्रदेश के छात्रों के पसंदीदा करियर विकल्पों में से एक बनकर उभरा है। राज्य में लगभग 22,000 छात्र सीए कोर्स पूरा करने के विभिन्न चरणों यानी फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल में हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राज्य में लगभग 12,500 योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। राज्य से लगभग 800 छात्र हर साल सीए परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। उत्तीर्ण प्रतिशत 2010 में 5% से बढ़कर अब 14% -15% हो गया है।
आईसीएआई (भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान) की भोपाल शाखा के अध्यक्ष अर्पित राय के अनुसार, पेपर पहले की तरह ही कठिन हैं, लेकिन जो बदलाव आया है वह यह है कि अब छात्रों को बेहतर तैयारी करने में मदद करने के लिए संसाधन उपलब्ध हैं।
वह कहते हैं कि ICAI ऑनलाइन कोचिंग आयोजित करता है और ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी प्रचुर मात्रा में अध्ययन सामग्री उपलब्ध है। इसके अलावा उम्मीदवारों के लिए सेमिनार और ज्ञान-प्राप्ति सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। औसतन हर महीने ऐसे चार आयोजन होते हैं।
आर्टिकलशिप की अवधि तीन साल से घटाकर दो साल कर दी गई है और इसका मतलब यह भी है कि छात्रों के पास तैयारी के लिए अधिक समय है। राय ने कहा, चार्टर्ड अकाउंटेंसी अब केवल ऑडिट के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, व्यापार, एमएसएमई, वित्तपोषण, जीएसटी, आयकर, विलय और अधिग्रहण और परामर्श जैसे लगभग सभी वित्तीय क्षेत्रों में सीए की मांग है।
आईसीएआई को बदलावों के साथ तालमेल बिठाने के लिए पाठ्यक्रम सामग्री को अपग्रेड करने और बदलने के लिए जाना जाता है। जब एआई आया, तो छह महीने के भीतर, आईसीएआई ने अपने पाठ्यक्रम को अपग्रेड किया और छात्रों और पेशेवरों दोनों के लिए एआई में पाठ्यक्रम शुरू किए।
वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन ने कहा कि पहले जहां सीए पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए स्नातक न्यूनतम योग्यता थी, वहीं अब छात्र कक्षा 12 के बाद इस पेशे में जा सकते हैं। इससे अधिक बुद्धिमान छात्र इस पेशे को अपना रहे हैं। पहले छात्रों की पसंद मेडिसिन, इंजीनियरिंग और सिविल सर्विसेज हुआ करती थी।
सीए कोर्स पहले से कैसे अलग है?
इंटरमीडिएट में अब आठ की जगह छह पेपर होंगे (प्रत्येक ग्रुप में तीन)
फाइनल में अब आठ की जगह छह पेपर होंगे (प्रत्येक ग्रुप में तीन)
फाइनल लेवल में एक नया पेपर जोड़ा गया है जो केस स्टडी पर आधारित होगा।
कंपनी लॉ और बिजनेस लॉ को एक साथ जोड़ दिया गया है।
वजीफा बढ़ा दिया गया है।
ओपन बुक इलेक्टिव की जगह अब केस स्टडी आधारित पेपर होगा।
कोर सब्जेक्ट में नैतिकता, कॉरपोरेट गवर्नेंस, रणनीतिक सोच और तकनीक पर जोर दिया गया है।
वैश्विक मानकों और उद्योग की जरूरतों के हिसाब से सिलेबस को अपडेट किया गया है।