भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में सिंहस्थ के लिए उज्जैन में लैंड पूलिंग योजना को रद्द करने की घोषणा की है। अब सरकार को इस फैसले को कानूनी रूप देना है। सरकार को यह तय करना है कि योजना को रद्द किया जाएगा या संशोधित किया जाएगा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नगरीय विकास अधिनियम की धारा 52 के तहत विकास प्राधिकरण द्वारा लाई गई इस योजना को प्रावधानों के अनुसार रद्द या संशोधित किया जा सकता है। अब सरकार को यह तय करना है कि लैंड पूलिंग को कैसे रोका जाएगा।
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को आदेश जारी करने से पहले नगरीय विकास विभाग से योजना को रद्द करने की मंजूरी लेनी होगी। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी भी आवश्यक होगी। दूसरी ओर, योजना को संशोधित करने के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण को एक प्रस्ताव भेजना होगा। संशोधन का प्रस्ताव नगरीय विकास विभाग के माध्यम से कैबिनेट में लाया जाएगा।
सिंहस्थ के लिए 50 एकड़ भूमि पर सड़क निर्माण व अन्य कार्य किए जाएंगे। इन कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता होगी। सरकार योजना में संशोधन करके भूमि की वास्तविक कीमत से दोगुनी कीमत देकर भूमि अधिग्रहण करना चाहती है।
दूसरी ओर, किसान संघ चाहता है कि सरकार इस योजना को रद्द करके सिंहस्थ के लिए नए सिरे से भूमि अधिग्रहण करे। किसान संघ और सरकार के प्रतिनिधियों ने योजना को रद्द करने पर सहमति जताई।
यदि सरकार इस योजना को रद्द करती है, तो उसे भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण करना होगा। लेकिन सिंहस्थ से पहले भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण करने में समस्या आ सकती है। यही कारण है कि सरकार इस मुद्दे पर निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने शाह से की मुलाकात, दी जानकारी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार शाम दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें लैंड पूलिंग योजना को वापस लेने और सिंहस्थ के लिए किए गए बुनियादी कार्यों की जानकारी दी। यादव ने शाह को सिंहस्थ से पहले कुछ महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण के कारणों से भी अवगत कराया। यादव के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) नीरज मंडलोई, नगरीय विकास विभाग के एसीएस संजय दुबे और उज्जैन आयुक्त आशीष सिंह भी मौजूद थे।
किसानों की सहमति से बन रही योजनाएं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सरकार किसानों की सहमति से सिंहस्थ के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हम हरसंभव प्रयास करेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “चूंकि पैसे की कोई कमी नहीं है, इसलिए सिंहस्थ के लिए सर्वोत्तम व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है।”