नई दिल्ली। जल्द ही, आप घर बैठे अपने आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल पाएंगे। आधार को रेगुलेट करने वाली संस्था, यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (UIDAI) ने एक नई डिजिटल सर्विस की घोषणा की है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस सर्विस के जरिए, यूज़र्स OTP वेरिफिकेशन और फेस ऑथेंटिकेशन ऐप के ज़रिए अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर पाएंगे। यह सर्विस दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों और सीनियर सिटिज़न्स के लिए आसान होगी।
नई सर्विस कैसे काम करेगी?
UIDAI के मुताबिक, आपके मोबाइल नंबर को अपडेट करने का प्रोसेस बहुत आसान रखा गया है। किसी डॉक्यूमेंट या फिजिकल विज़िट की ज़रूरत नहीं है। पूरा प्रोसेस कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाएगा।
सबसे पहले, यूज़र्स को आधार ऐप डाउनलोड करना होगा।
यहां, यूज़र्स को अपना आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर डालना होगा।
एक OTP वेरिफिकेशन होगा, जो पुराने या नए नंबर पर भेजा जाएगा।
इसके बाद, स्मार्टफोन कैमरे का इस्तेमाल करके फेस ऑथेंटिकेशन पूरा किया जाएगा।
आधार मोबाइल अपडेट क्यों जरूरी है?
आधार कार्ड देश की सबसे बड़ी आइडेंटिटी सर्विस है, जिसमें 1.3 बिलियन से ज़्यादा लोगों का डेटा होता है। मोबाइल नंबर एक ज़रूरी हिस्सा है, क्योंकि यह OTP के ज़रिए बैंक अकाउंट, सरकारी सब्सिडी, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन और डिजिलॉकर जैसी डिजिटल सर्विस का एक्सेस देता है।
अगर नंबर पुराना हो जाता है या खो जाता है, तो इससे कई दिक्कतें हो सकती हैं। पहले इसे अपडेट करने के लिए एनरोलमेंट सेंटर जाना पड़ता था, जिसमें बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और लंबी लाइनों का झंझट होता था। लेकिन अब, UIDAI इस प्रोसेस को डिजिटली आसान बना रहा है।
एक महीने पहले, UIDAI ने आधार कार्ड के लिए एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया था। यूज़र्स एक ही फ़ोन पर ज़्यादा से ज़्यादा पाँच लोगों की आधार डिटेल्स स्टोर कर सकते हैं। यह सिर्फ़ ज़रूरी आधार जानकारी शेयर करने की इजाज़त देता है।
इस ऐप में, आप आधार डिटेल्स उसी तरह शेयर कर सकते हैं जैसे आप UPI का इस्तेमाल करके स्कैन करके पेमेंट करते हैं। ऐप को और ज़्यादा सिक्योर बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं।
नए आधार ऐप के फीचर्स
अपने फोन में आधार रखें: आपका ई-आधार हमेशा आपके पास रहेगा, जिससे पेपर कॉपी की ज़रूरत खत्म हो जाएगी।
फेस स्कैन शेयरिंग: अपनी ID शेयर करने के लिए आपको अपना चेहरा स्कैन करना होगा; यह PIN या OTP जितना ही सिक्योर है।
सिक्योर लॉगिन: ऐप बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ खुलता है।
मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट: हिंदी और इंग्लिश समेत कई भाषाओं में उपलब्ध है।
ऑफलाइन इस्तेमाल: आप इंटरनेट न होने पर भी आधार एक्सेस कर सकते हैं।
पुराना आधार ऐप पहले से मौजूद था, तो नया क्यों लाया गया?
पुराने mAadhaar और नए आधार ऐप का मकसद आधार को डिजिटली एक्सेस करना है, लेकिन उनका फोकस अलग है…
PDF डाउनलोड या PVC कार्ड के लिए, अभी भी mAadhaar का इस्तेमाल करें।
वर्चुअल ID बनाने या कुछ अपडेट करने के लिए, UIDAI पोर्टल या mAadhaar बेहतर है।
नया ऐप प्राइवेसी-फर्स्ट है, जो सेलेक्टिव डिस्क्लोजर के ज़रिए सिर्फ़ ज़रूरी जानकारी शेयर करता है।
नए ऐप के फायदे?
होटल चेक-इन, SIM एक्टिवेशन, या बैंक KYC तेज़ी से हो जाएगा।
फ़ैमिली मैनेजमेंट आसान हो जाएगा, क्योंकि सबकी डिटेल्स एक फ़ोन पर होंगी।
सेलेक्टिव शेयरिंग से पर्सनल डेटा के सामने आने से रोका जा सकेगा।
आधार 2009 में लॉन्च हुआ था। अब, 1.3 बिलियन से ज़्यादा लोगों के पास आधार है। शुरुआत में, एक पेपर कार्ड था, उसके बाद mAadhaar ऐप आया। अब, डिजिटल इंडिया के तहत, एक पूरी तरह से डिजिटल ऐप लॉन्च किया गया है। सरकार हर सर्विस को ऑनलाइन करने की कोशिश कर रही है।