भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने माना है कि पिछले कुछ सालों में बने छह आयोगों ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, लेकिन, उनमें से कोई भी विधानसभा में पेश नहीं की गई है। यह बात मंगलवार को कांग्रेस MLA आतिफ़ अकील के एक सवाल के जवाब में सामने आई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाउस को बताया कि सोशल सिक्योरिटी पेंशन और नेशनल ओल्ड एज पेंशन स्कीम को लागू करने में गड़बड़ियों की जांच के लिए 8 फरवरी, 2008 को बनाया गया इंक्वायरी कमीशन 15 सितंबर, 2012 को अपनी रिपोर्ट जमा कर चुका है। जवाब में कहा गया है कि कैबिनेट कमेटी अभी भी नतीजों की जांच कर रही है, और इसलिए अभी तक अकाउंटेबिलिटी तय नहीं की जा सकती है।
इसी तरह, भोपाल यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में 1984 में हुए गैस लीक की जांच के लिए 2010 में बने कमीशन ने 24 फरवरी, 2015 को अपनी रिपोर्ट दी। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि इस रिपोर्ट पर कार्रवाई अभी गैस राहत विभाग के पास पेंडिंग है।
भिंड में हुई फायरिंग की घटना की जांच के लिए 12 जुलाई, 2012 को बने ज्यूडिशियल जांच कमीशन ने 31 दिसंबर, 2017 को अपनी रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट पर होम डिपार्टमेंट में कार्रवाई चल रही है।
ग्वालियर के मानमंदिर में पुलिस एनकाउंटर में हुई मौतों के संबंध में 17 अगस्त, 2015 को बने एक और जांच कमीशन ने 9 जनवरी, 2017 को अपनी रिपोर्ट दी। कार्रवाई होम डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग है।
पेटलावद धमाके के मामले में, 12 जून, 2017 को बने कमीशन की रिपोर्ट 11 दिसंबर, 2015 को मिली थी और अभी भी होम डिपार्टमेंट में प्रोसेस में है। इसी तरह, मंदसौर घटना की जांच के लिए 12 जून, 2017 को बनाए गए जांच कमीशन की रिपोर्ट 11 जून, 2018 को मिली और यह कार्रवाई के लिए होम डिपार्टमेंट के पास है।
नौ लोकायुक्त रिपोर्ट पर कार्रवाई का इंतजार
राज्य सरकार ने मंगलवार को कांग्रेस MLA आतिफ अकील के सवाल के लिखित जवाब में विधानसभा को बताया कि 2015 से 2023 के बीच जमा की गई लोकायुक्त ऑर्गनाइज़ेशन की नौ सालाना रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन को बताया कि हालांकि ये रिपोर्ट मिल गई हैं, लेकिन संबंधित विभागों ने सिफारिशों पर की गई कार्रवाई की जानकारी नहीं दी है। सरकार को साल 2023-24 के लिए 42वीं रिपोर्ट भी मिल गई है, और अभी आगे की कार्रवाई की जानकारी मांगी जा रही है।