जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर से BJP MLA अजय विश्नोई ने दावा किया कि जिले में चल रही SIR (स्पेशल आइडेंटिफिकेशन रिपोर्ट) प्रोसेस में करीब 1200 लोग ‘संदिग्ध’ पाए गए हैं। उन्होंने इस मुद्दे की ओर CM मोहन यादव का ध्यान भी दिलाया है। विश्नोई ने कहा कि MP में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेकर उसकी जांच करना मुमकिन नहीं है, क्योंकि DGP के आदेशों के कारण पुलिस प्रशासन को 12 साल से IPC की धारा 109 (BNSS की धारा 128) का इस्तेमाल करने से रोका गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दरअसल, विश्नोई ने गुरुवार को अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल पर इस मुद्दे पर ध्यान दिलाते हुए लिखा, “SIR में मिले संदिग्धों की संख्या की जांच करें ताकि यह पक्का हो सके कि वे विदेशी नागरिक नहीं हैं। अब तक जबलपुर में 1,200 संदिग्ध मिले हैं। यह सरकार की ज़िम्मेदारी है। हालांकि, मध्य प्रदेश में किसी संदिग्ध को हिरासत में लेकर जांच करना मुमकिन नहीं है, क्योंकि DGP के आदेश के कारण पुलिस प्रशासन को 12 साल से IPC की धारा 109 और BNSS की धारा 128 का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया है।” MLA ने सरकार से कार्रवाई की मांग की
विश्नोई ने सरकार से मांग की कि ऐसे सभी संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूरी जांच की जाए
उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनमें से कोई भी गैर-कानूनी तरीके से रह रहे विदेशी नागरिक पाए जाते हैं, तो उन्हें उनके देशों में वापस भेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले 12 सालों से मध्य प्रदेश में संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेने की कार्रवाई लागू नहीं की गई है।
उनके मुताबिक, उस समय के DGP ने डिटेंशन पावर का इस्तेमाल बंद कर दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि इससे राज्य का सिक्योरिटी सिस्टम कमजोर होता है। BJP MLA ने मुख्यमंत्री को एक लेटर लिखकर संदिग्ध लोगों को डिटेन करने का नियम फिर से लागू करने की अपील की है। पहले, पुलिस के पास CrPC के सेक्शन 109 के तहत ऐसे लोगों को डिटेन करने का अधिकार था। नई भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू होने के बाद, यह अब सेक्शन 128 हो गया है।