
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 जून को राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत वृद्धों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। 1 जुलाई से लाभार्थियों को 400 रुपए की बजाय 1100 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी।
इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह घोषणा महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत अगले महीने से 1,09,69,255 लोगों को बढ़ी हुई पेंशन राशि का लाभ मिलेगा। इस फैसले को महिला मतदाताओं को मजबूत करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो परंपरागत रूप से एनडीए से जुड़ी हुई हैं।
सीएम नीतीश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सभी वृद्धों, दिव्यांग व्यक्तियों और विधवा महिलाओं को 400 रुपए की जगह 1100 रुपए प्रति माह पेंशन मिलेगी।” उन्होंने कहा, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पेंशन राशि हर महीने की 10 तारीख तक लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा हो जाए।
मासिक पेंशन में बढ़ोतरी के कारणों की व्याख्या करते हुए नीतीश ने एक्स पर लिखा, “बुजुर्ग समाज का एक अनमोल हिस्सा हैं और उनके सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार इस दिशा में प्रयास जारी रखेगी।”
यह राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की उस घोषणा के विपरीत है, जिसमें उन्होंने राजद के सत्ता में आने पर वृद्धों, दिव्यांग व्यक्तियों और विधवा महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए बहुत कम है और उन्होंने इसे मौजूदा 400 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति माह करने का वादा किया था। तेजस्वी की घोषणा को मतदाताओं को लुभाने के लिए एक प्रमुख चुनावी मुद्दा माना जा रहा है।
मासिक पेंशन बढ़ाने की नीतीश की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी ने सरकार को राशि बढ़ाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार केवल हमारे चुनावी वादों को पूरा कर रही है।”
अपनी बात को पुख्ता करने के लिए उन्होंने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 5 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था और उन्होंने लोगों से किया वादा पूरा किया। बाद में नीतीश कुमार ने नियुक्ति का श्रेय लेने की कोशिश की और कहा कि नियुक्तियां उनकी पहल पर की गई थीं।
तेजस्वी ने कहा, “सच तो यह है कि नीतीश पहले यह पूछकर हमारा मजाक उड़ाते थे कि अगर पांच लाख रिक्त पद भरे गए, तो वेतन देने के लिए पैसे कहां से आएंगे, लेकिन हमने 17 महीने की महागठबंधन सरकार के दौरान साबित कर दिया कि यह काम पूरा करना संभव है।”
इस साल मार्च में बहुचर्चित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल भारत ब्लॉक के समन्वय समिति के संयोजक के रूप में नियुक्त किए गए तेजस्वी ने माई-बहन सम्मान योजना के तहत लोगों को 2,500 रुपए देने की भी घोषणा की थी। इसके अलावा राजद नेता ने 500 रुपए में एलपीजी सिलेंडर और 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था।
नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा है, जबकि राजद और कांग्रेस विपक्षी दल भारत ब्लॉक का हिस्सा हैं। चुनाव में बमुश्किल चार से पांच महीने बचे हैं, राज्य में हर राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए वादे कर रहा है।