भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी हवाई यात्रा और हेलीकॉप्टर किराए पर खर्च लगातार बढ़ रहा है। मप्र विधानसभा में कांग्रेस के दो विधायकों प्रताप ग्रेवाल और पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी चौंकाने वाली है। वर्ष 2021 के मुकाबले 2025 में हवाई जहाज का किराया रिकॉर्ड पर पहुंच गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दरअसल, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधानसभा में सवाल के जवाब में जो जानकारी दी है, उसमें बताया गया है कि सिर्फ 11 महीनों में एयरलाइंस को 90.7 करोड़ दिए गए। इसी तरह जनवरी 2021 से नवंबर 2025 के बीच हवाई जहाज के किराए पर 290 करोड़ खर्च किए गए, जबकि अकेले जनवरी से नवंबर 2025 के बीच प्राइवेट कंपनियों को 90.7 करोड़ दिए गए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में हवाई जहाज किराए पर 143 करोड़ खर्च हुए। मुख्यमंत्री ने माना कि 2019 में हवाई जहाज किराए पर खर्च सिर्फ 1.63 करोड़ प्रति वर्ष था, जो 2025 में बढ़कर 90.7 करोड़ प्रति वर्ष हो गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में, जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच एयरक्राफ्ट किराए पर 143 करोड़ खर्च हुए।
COVID के बहाने 2023 में किराया बढ़ा
विधानसभा में सवाल के जवाब में सरकार ने किराया बढ़ाने के कई कारण बताए हैं। इनमें COVID के बाद टूरिज्म में वृद्धि, एयरक्राफ्ट की डिमांड, COVID के कारण प्रोडक्शन पर असर, लोकसभा चुनाव के चलते डिमांड में बढ़ोतरी और फ्यूल और मेंटेनेंस महंगा होना शामिल है।
30 फीसदी तक बढ़ा हवाई जहाज का किराया
मध्य प्रदेश में हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर का किराया 30 फीसदी तक बढ़ गया। 2023 में किराया बढ़ाने के पीछे के कारण के आधार पर हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर की अलग-अलग कैटेगरी के किराए में 20% से 30% तक की बढ़ोतरी की गई। उदाहरण के लिए, वर्ष 2022-23 में 4.45 लाख रुपए प्रति घंटे का किराया वर्ष 2024 में बढ़कर 5.70 लाख रुपए प्रति घंटे हो गया। 3.50 लाख रुपए प्रति घंटे का किराया बढ़कर 4.75 लाख रुपए प्रति घंटे हो गया। कुछ कैटेगरी में हेलीकॉप्टर का किराया 5.29 लाख रुपए प्रति घंटे तक पहुंच गया।
सिर्फ एक हेलीकॉप्टर
मध्य प्रदेश सरकार के पास फिलहाल सिर्फ एक हेलीकॉप्टर है। चार साल पहले सरकारी एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ था। विधायक पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में दी गई जानकारी से पता चला कि सरकार के पास अभी सिर्फ एक ही उड़ने लायक हेलीकॉप्टर मौजूद है।
लीज के बजाय किराए पर बढ़ी निर्भरता
मध्य प्रदेश में सरकारी एयरक्राफ्ट मई 2021 में क्रैश हुआ था और ग्वालियर एयरबेस पर खड़ा है और उड़ने लायक नहीं है। इस दौरान खर्चे बढ़ते रहे और सरकार लीज पर लिए गए हवाई जहाज के बजाय किराए के हवाई जहाज पर निर्भर रही।
विधानसभा में पेश पेश किए गए डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है कि किराए के हवाई जहाज पर निर्भरता बढ़ती रही, जबकि सरकारी एयरक्राफ्ट की हालत खराब होती गई। इसी वजह से हवाई जहाज का बेड़ा छोटा होता गया, किराया बढ़ता गया, और प्राइवेट कंपनियों पर खर्च तेज़ी से बढ़ता गया।