
भोपाल। मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (AJJAKS) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर महाधिवक्ता (AG) के पद पर नियुक्तियों में आरक्षण के अनुचित कार्यान्वयन का आरोप लगाया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!संगठन ने कहा कि राज्य की अदालतों में सरकारी वकील (GP) और सहायक सरकारी वकील (AGP) के पदों पर भी OBC, SC और ST श्रेणियों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र में अजाक्स ने कहा कि 1956 से उच्च न्यायालय की जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर पीठों में ओबीसी, एससी या एसटी समुदायों के किसी भी वकील को अतिरिक्त महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता या अन्य सरकारी वकील के रूप में नियुक्त नहीं किया गया है। पत्र में जनसंख्या के आंकड़ों पर प्रकाश डाला गया है।
पत्र में आगे बताया गया है कि जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार, एससी लगभग 17%, एसटी 21% और ओबीसी 55% हैं, जो राज्य की जनसंख्या का लगभग 90% है। हालांकि, इन श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकारी वकीलों के रूप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। यह कहते हुए कि इन समुदायों में सक्षम वकीलों की कोई कमी नहीं है, अजाक्स ने राज्य सरकार से ऐसी नियुक्तियों में अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का आग्रह किया।