भोपाल। मध्यप्रदेश में नेशनल हाइवे कमाई का जरिया बन गए हैं। नेशनल हाईवे 12 पर 242 करोड़ रुपए की लागत से बने 52 km लंबे भोपाल बायपास से राज्य सरकार को छह सालों में टोल रेवेन्यू के तौर पर 270.29 करोड़ रुपए मिले हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दरअसल, PWD मंत्री राकेश सिंह द्वारा शुक्रवार को विधानसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में यह जानकारी सामने आई। विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सड़क से रेवेन्यू और कॉन्ट्रैक्टर की कमाई के बारे में सवाल पूछा था। मंत्री सिंह ने कहा कि 2013 में बायपास बनाने वाली कंपनी ने भी अच्छी-खासी कमाई की। स्क्रू अकाउंट्स में हेराफेरी करके रोजाना के टोल कलेक्शन को कम दिखाया गया, जिसका अनुमान 10.5 लाख रुपए प्रति दिन था।
इस वजह से राज्य सरकार ने 11 दिसंबर, 2019 को कॉन्ट्रैक्ट सस्पेंड कर दिया और अगले दिन टोल कलेक्शन फिर से शुरू कर दिया। 26 मार्च, 2013 से 11 दिसंबर, 2019 के बीच, कॉन्ट्रैक्टर ने कथित तौर पर 150 करोड़ रुपए इकट्ठा किए। ग्रेवाल ने कहा कि जब सरकार ने बाईपास बनाने में एक रुपया भी इन्वेस्ट नहीं किया, तो वह किन हालात में टोल वसूल रही है। उसे तुरंत टोल वसूलना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छह साल तक लगातार टोल वसूलने के बावजूद सरकार ने 52 किलोमीटर लंबे बाईपास के मेंटेनेंस के लिए कुछ नहीं किया, जिससे उसका पुल टूट गया।