
नई दिल्ली। अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने मंगलवार को भारतीय सेना को तीन अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर सौंपे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कंपनी ने भारतीय सेना को छह हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 4,168 करोड़ रुपए के अनुबंध के तहत AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर सौंपे। AH-64 अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहुउद्देशीय लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना उड़ाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारतीय सेना के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच का आगमन भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये उन्नत हेलीकॉप्टर सेना विमानन खासकर चुनौतीपूर्ण इलाकों में विंग की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाएंगे। सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, यह सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता एक गौरवशाली क्षण है।
सेना ने हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी को सेना के लिए एक “मील का पत्थर” बताया। सेना ने कहा, ये अत्याधुनिक प्लेटफ़ॉर्म भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं को काफ़ी मज़बूत करेंगे।
अपाचे हेलीकॉप्टर सौदे के बारे में 5 मुख्य बातें
2020 में बोइंग ने भारतीय वायु सेना को 22 ई-मॉडल अपाचे की डिलीवरी पूरी की और भारतीय सेना के लिए छह AH-64E की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। भारतीय सेना के अपाचे की डिलीवरी 2024 में शुरू होने वाली थी।
भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अरबों डॉलर के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपये की लागत से बोइंग से हथियार प्रणालियों के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंज़ूरी दी थी।
कंपनी ने भारतीय सेना को छह हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 4,168 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर वितरित किए।