
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पुष्टि की है कि 2026 के शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र भी साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने मंगलवार को इस बात की आधिकारिक पुष्टि की, जो अब से बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के तरीके से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नए प्रारूप के अनुसार, बोर्ड परीक्षा का पहला सत्र सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा, जबकि दूसरा सत्र स्वैच्छिक आधार पर होगा। यदि छात्र अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हैं तो वे दूसरे चरण में शामिल होने का विकल्प चुन सकते हैं और दोनों में से जो अंक अधिक होगा उसे अंतिम अंकपत्र में सुरक्षित रखा जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि परीक्षण दो चरणों में किए जाएंगे: पहला भाग 17 फरवरी से 6 मार्च तक होगा और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक होगा। आंतरिक और व्यावहारिक मूल्यांकन साल में एक बार किया जाएगा
नए मानकों के अनुसार, आंतरिक और व्यावहारिक परीक्षाएँ साल में एक बार आयोजित की जाएँगी, जबकि बोर्ड परीक्षाएँ साल में दो बार आयोजित की जाएँगी। इस व्यवस्था का लक्ष्य छात्रों को उनके लिए सबसे अच्छा सत्र चुनने के लिए अधिक विकल्प देकर एकल वार्षिक परीक्षा के तनाव को कम करना है।