
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने मंगलवार को दो प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंज़ूरी दे दी, जिनमें से एक ओडिशा और दूसरी राजस्थान में है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 9,500 करोड़ रुपए से अधिक है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सीसीईए की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ओडिशा में 8,307.74 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से छह लेन की एक्सेस-कंट्रोल्ड कैपिटल रीजन रिंग रोड (भुवनेश्वर बाईपास) के निर्माण को मंज़ूरी दे दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि राजस्थान में 1,507 करोड़ रुपए के कुल अनुमानित पूंजी निवेश के साथ ग्रीनफील्ड कोटा-बूंदी हवाई अड्डे के निर्माण को भी मंज़ूरी दे दी गई है।
मंत्री ने कहा कि भुवनेश्वर और कटक, दोनों राजधानी शहरों के लिए रिंग रोड परियोजना की लंबाई 110.875 किलोमीटर होगी और इसे हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) के तहत विकसित किया जाएगा।
वैष्णव ने कहा, “वर्तमान में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग का रामेश्वर-तांगी खंड खोरधा, भुवनेश्वर और कटक जैसे शहरी केंद्रों से गुजरने वाले भारी यातायात के कारण भारी भीड़भाड़ का सामना करता है। नए ग्रीनफील्ड रिंग रोड का उद्देश्य भारी वाणिज्यिक वाहनों को इन शहरों से दूर करना है, जिससे माल ढुलाई दक्षता में सुधार होगा, रसद लागत कम होगी और ओडिशा तथा पड़ोसी पूर्वी राज्यों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।” उन्होंने कहा कि यह मार्ग तीन राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-55, NH-57, NH-655) और एक राज्य राजमार्ग (SH-65) को जोड़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक केंद्रों तक निर्बाध संपर्क स्थापित होगा।
मंत्री ने कहा, “यह परियोजना 10 आर्थिक केंद्रों, 4 सामाजिक केंद्रों और 5 लॉजिस्टिक केंद्रों के साथ-साथ भुवनेश्वर हवाई अड्डा, खोरधा रेलवे स्टेशन, एक प्रस्तावित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और दो प्रमुख बंदरगाहों (पुरी और अस्तांग) जैसे प्रमुख बुनियादी ढाँचे से भी जुड़ेगी।”
बाद में एक बयान में सरकार ने कहा कि परियोजना के पूरा होने पर 74.43 लाख व्यक्ति-दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 93.04 लाख व्यक्ति-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।