
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस की चयन और भर्ती शाखा पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद प्रत्येक उम्मीदवार के पंजीकृत मोबाइल फोन के माध्यम से उनके आधार अपडेट हिस्ट्री की पुष्टि कर रही है। विभाग ने हाल ही में एक रैकेट का भंडाफोड़ किया, जो भर्ती परीक्षा पास कराने के लिए असली उम्मीदवारों की जगह पर सॉल्वर-धोखेबाजों को नियुक्त करता था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एडीजी (चयन और भर्ती) सोनाली मिश्रा ने बताया कि वे अब दस्तावेज़ सत्यापन और जॉइनिंग के लिए उपस्थित होने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के आधार अपडेट इतिहास की बारीकी से जाँच कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा, मार्च में 7,490 उम्मीदवारों के लिए अंतिम परिणाम घोषित किया गया था। इसमें से 13% ओबीसी आरक्षण उम्मीदवारों का चयन रुका हुआ है और 6,446 उम्मीदवारों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है।
जॉइनिंग प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों से उनके चरित्र प्रमाण पत्र और आधार अपडेट हिस्ट्री जमा करने के लिए कहा जाता है। इससे सत्यापन अधिकारी अपडेट के दौरान अपलोड किए गए बायोमेट्रिक्स और फोटो में बदलावों का पता लगा सकते हैं।
मिश्रा ने बताया, अगर बायोमेट्रिक डेटा और फोटो परीक्षा से ठीक पहले और बाद में अपडेट किए गए थे और तस्वीर अलग या धुंधली दिखाई देती है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हेरफेर हुआ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि विभाग आधार अपडेट के वास्तविक मामलों को फर्जी मामलों से अलग करने का भी ध्यान रख रहा है।
फोन बदलने का बहाना
कई उम्मीदवारों से जब उनके आधार अपडेट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने मोबाइल हैंडसेट बदल लिए हैं, जिसके कारण उन्हें अपडेट करना पड़ा। लेकिन समय ने खतरे की घंटी बजा दी।
एडीजी मिश्रा ने सवाल किया, ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी करने वाला कोई व्यक्ति परीक्षा से ठीक पहले और उसके ठीक बाद फोन क्यों बदलेगा? उन्हें पता है कि उन्हें अपना डेटा सुरक्षित रखना है। इस पैटर्न ने जांचकर्ताओं को संभावित हेरफेर के स्पष्ट संकेत दिए, जिसका उद्देश्य धोखेबाजों को परीक्षा में बैठने में मदद करना था।
एसआईटी संभालेगी कार्यभार
पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही एक विशेष जांच दल (एसआईटी) जिला पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लेगा, क्योंकि धोखाधड़ी में संगठित अपराध और दूसरे राज्यों के आरोपी शामिल हैं। वरिष्ठ अधिकारी वर्तमान में ऑपरेशन के पैमाने और जटिलता को देखते हुए जांच को एसआईटी को सौंपने के सर्वोत्तम तरीके पर विचार कर रहे हैं।
सीएम ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई की बात कही है। सीएम यादव ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, पुलिस आरक्षक भर्ती—2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितता की सूचना मिलने पर मेरे द्वारा सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीएम ने आगे लिखा, पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया इम्परसोनेशन पाए जाने पर अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।