
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (MHA) के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चला है कि भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर की जाने वाली अधिकांश साइबर धोखाधड़ी म्यांमार, कंबोडिया, वियतनाम, लाओस और थाईलैंड जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से संचालित की जा रही हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सूत्रों के मुताबिक, ये धोखाधड़ी मुख्य रूप से चीनी ऑपरेटरों द्वारा प्रबंधित संगठित नेटवर्क से जुड़ी हैं और भारत में लोगों को हर महीने 1,500 करोड़ रुपए तक का नुकसान पहुंचा रही हैं।
2025 की पहली छमाही (जनवरी से जून) के I4C आंकड़ों के अनुसार, भारत को लगभग 8,500 करोड़ रुपए का ऑनलाइन वित्तीय नुकसान हुआ है। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से आधे से ज़्यादा नुकसान दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में स्थित साइबर अपराध गतिविधियों से जुड़े हैं।
आंकड़ों से पता चला है कि 2025 में औसतन भारतीयों को साइबर धोखाधड़ी से होने वाला मासिक नुकसान 1,300 करोड़ से 1,500 करोड़ रुपए के बीच होगा। हालांकि, 2025 के आंकड़े 2024 की तुलना में उल्लेखनीय गिरावट दर्शाते हैं, जब मासिक औसत लगभग 2,200 करोड़ रुपए था। सूत्रों ने बताया कि इस गिरावट का श्रेय I4C द्वारा बेहतर निगरानी, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और जन जागरूकता अभियानों को दिया जा रहा है।
इनमें से कई आपराधिक गतिविधियां कंबोडिया और म्यांमार जैसे देशों में सुरक्षित ठिकानों से चलाई जा रही हैं। ये स्थान अक्सर बड़े पैमाने पर डिजिटल धोखाधड़ी के केंद्र के रूप में काम करते हैं, जिसमें फ़िशिंग, ऑनलाइन निवेश घोटाले और फर्जी नौकरी के प्रस्ताव शामिल हैं।
इस बीच I4C द्वारा देखी गई एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति भारतीय नागरिकों की संलिप्तता है, जिन्हें साइबर अपराध गतिविधियों में जबरन शामिल किया जा रहा है। कई व्यक्तियों को झूठे बहाने से विदेश ले जाया जाता है या फिर उन्हें ऐसे कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए भारतीय उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाते हैं।
I4C ऐसे नेटवर्कों की पहचान, उन पर नज़र रखने और उन्हें ध्वस्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता रहता है। यह सतर्कता बरतने की सार्वजनिक अपील भी करता रहा है। लोगों से संदिग्ध ऑनलाइन योजनाओं से बचने और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने का आग्रह करता रहा है।