भोपाल। काम में देरी की वजह से पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (PHE) डिपार्टमेंट ने 280 एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही, 22 कॉन्ट्रैक्टर्स को भी ब्लैकलिस्ट करके उनके कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिए गए हैं। जल जीवन मिशन में टेंडर प्रोसेस का उल्लंघन करने और घटिया मटीरियल सप्लाई करने के लिए 10 अधिकारियों के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन लिया गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!PHE डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पी नरहरि ने जल जीवन मिशन के रिव्यू के दौरान चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन को यह जानकारी दी। यह भी बताया गया कि सरकार ने गांवों में मुख्य स्कीमों की गलत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPRs) तैयार करने के लिए 141 अधिकारियों और 187 एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस दिया है। एक फर्जी गारंटी केस में एक कॉन्ट्रैक्टर को टर्मिनेट कर दिया गया और मामला CBI को सौंप दिया गया।
CS अनुराग जैन ने जल जीवन मिशन के काम में तेजी लाने और गांवों के हर घर में तय समय में साफ पीने का पानी पहुंचाने का टारगेट पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल और रेगुलर रिव्यू प्रोसेस को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, साथ ही किसी भी गड़बड़ी के लिए जीरो टॉलरेंस पर जोर दिया। CS ने 80.52 लाख से ज़्यादा घरों में नल कनेक्शन पर संतुष्टि जताई।
उन्हें बताया गया कि नल कनेक्शन देने में 72% से ज़्यादा की प्रोग्रेस हुई है और MP देश में सबसे आगे है। कुछ गांव वालों को घरेलू नल कनेक्शन न मिलने की शिकायतों पर CS ने अधिकारियों को जिम्मेदार कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए।