
नई दिल्ली। दिल्ली में 1 जुलाई से 15 साल से ज़्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से ज़्यादा पुराने डीज़ल वाहनों में ईंधन भरने पर रोक लगा दी गई है। यह सख्त नियम शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक नए अभियान का हिस्सा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस और यातायात अधिकारियों की मदद से यह कदम उठाया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!350 पेट्रोल पंपों की निगरानी
सख्त निगरानी के लिए दिल्ली भर में कुल 350 पेट्रोल पंपों का चयन किया गया है। अवैध रूप से ईंधन भरने को रोकने और एंड ऑफ़ लाइफ़ (EoL) वाहनों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए टीमें बनाई गई हैं।
स्टेशनों की निगरानी इस प्रकार की जा रही है:
- सबसे ज़्यादा पुराने वाहनों वाले 100 स्टेशन दिल्ली पुलिस की निगरानी में हैं।
- 59 स्टेशन परिवहन विभाग के नियंत्रण में हैं।
- 91 संवेदनशील स्थानों की निगरानी संयुक्त टीमों द्वारा की जा रही है।
बाकी 100 स्टेशनों की निगरानी दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा की जा रही है।
नियम तोड़ने वालों के लिए सख्त दंड
इन टीमों के पास नियम तोड़ने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाने या उन्हें जब्त करने का अधिकार है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2014 के फैसले के बाद की गई है, जिसने पहले ही सार्वजनिक क्षेत्रों में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ईंधन स्टेशनों पर स्पष्ट चेतावनी
पेट्रोल स्टेशनों पर अब स्पष्ट संकेत प्रदर्शित करने होंगे, जिसमें लिखा होगा:
“1.07.2025 से 15 साल पुराने पेट्रोल और सीएनजी तथा 10 साल पुराने डीजल वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा।”
दिल्ली सरकार द्वारा साझा किए गए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार, उन्हें हर बार ईंधन भरने से मना किए जाने वाले प्रयास को भी दर्ज करना होगा।
एएनपीआर के साथ उच्च तकनीक जांच
प्रतिबंध का समर्थन करने के लिए, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। ये प्रणाली वास्तविक समय में पुराने वाहनों को पहचानने में मदद करेगी। दिल्ली परिवहन अवसंरचना विकास निगम (डीटीआईडीसी) प्रणाली के सुचारू संचालन को संभालेगा।
दिल्ली में लाखों पुराने वाहन
वाहन डेटाबेस के अनुसार, दिल्ली में लगभग 62 लाख पुराने वाहन हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 41 लाख दोपहिया वाहन
- 18 लाख चार पहिया वाहन
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के आस-पास के इलाकों में 46 लाख पुराने वाहन हैं, जिससे कुल समस्या और भी बड़ी हो गई है।
ईंधन स्टेशनों को जवाबदेह ठहराया जाएगा
नियम तोड़ने वाले किसी भी स्टेशन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 192 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। गैर-अनुपालन की रिपोर्ट साप्ताहिक रूप से CAQM और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए। इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में स्वच्छ हवा और सख्त प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करना है।