
भोपाल। मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा ने बिल्डर और सरकारी कर्मचारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों ने दस्तावेजों के पंजीकरण में जमीन का फर्जी पता बताकर सरकारी खजाने को 13.32 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ईओडब्ल्यू के डीजी उपेंद्र जैन ने बताया कि बिल्डर और खरीदार विवेक चुघ, हितेंद्र मेहता, अजय कुमार जैन, डिप्टी रजिस्ट्रार संजय सिंह और इंदौर जिले के वरिष्ठ जिला रजिस्ट्रार अमरेश नायडू इसमें शामिल हैं।
खरीदारों ने पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी विभाग के अधिकारियों की मदद से इंदौर की एक प्रमुख कॉलोनी में जमीन खरीदी, जहां जमीन की कीमत 50,800 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। उन्होंने इसे 14,200 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से खरीदा और राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया।
अधिकारियों ने फर्जी नक्शा अपलोड किया और बताया कि यह जमीन पॉश कॉलोनी की जगह इंदौर के मांगलिया गांव रोड पर है। उन्होंने शहरी क्षेत्र की जमीन को ग्रामीण क्षेत्र में दिखाया, जहां उन्हें कम रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी देनी पड़ी। फर्जी विवरण के कारण राज्य सरकार को 13.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पुलिस ने बीएनएस और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।