जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में साइबर अपराधियों ने कथित तौर पर एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) के अधिकारी बनकर 70 वर्षीय रिटायर्ड MP इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ऑफिसर से 30 लाख ऐंठ लिए।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जानकारी के मुताबिक, जालसाजों ने पीड़ित को 3 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा। घटना 1 दिसंबर को शुरू हुई, जब मदन महल पुलिस स्टेशन के शास्त्री ब्रिज इलाके में रहने वाले अविनाश चंद्र दीवान को एक अनजान नंबर से WhatsApp कॉल आया।
पहले एक महिला ने उनसे बात की, और फिर एक दूसरे आदमी ने खुद को एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड का ऑफिसर बताया। उसने दीवान से कहा कि उसके बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया जा रहा है, जिसमें करोड़ों रुपए शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उसकी सारी प्रॉपर्टी सीज कर दी जाएगी। उसने यह भी दावा किया कि दीवान और उसके परिवार को अरेस्ट किया जा सकता है।
आरोपियों ने नकली नोटिस भेजे

उसे और डराने के लिए, जालसाजों ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) और दूसरे डिपार्टमेंट के नाम पर WhatsApp पर नकली नोटिस भेजे। उन्होंने एक नकली डिजिटल अरेस्ट वारंट भी भेजा और सेटअप को असली दिखाने के लिए वीडियो कॉल के जरिए एक नकली कंट्रोल रूम भी दिखाया।
डर के मारे दीवान ने उनके सारे इंस्ट्रक्शन फॉलो किए। जालसाजों ने उसे 5 दिसंबर तक लगातार अपना WhatsApp वीडियो कॉल ऑन रखने के लिए मजबूर किया, यह कहते हुए कि वे उस पर ‘निगरानी’ कर रहे हैं। उन्होंने उसे अपना फोन बंद करने या किसी से बात करने नहीं दिया। वह 3 दिनों तक लगातार मेंटल प्रेशर में रहा।
इस दौरान क्रिमिनल्स ने ‘केस सेटल करने’ के लिए पैसे मांगे। डरे हुए दीवान ने उनके दिए कई बैंक अकाउंट में 30 लाख से ज्यादा ट्रांसफर कर दिए। फिर भी, स्कैमर्स उसे धमकाते रहे।
आखिरकार, दीवान ने अपने परिवार को इस बारे में बताया। उनकी सलाह पर उसने पुलिस से संपर्क किया और एक लिखित शिकायत दी। साइबर सेल ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी का पता लगाने के लिए टेक्निकल डिटेल्स का एनालिसिस कर रही है। मदन महल पुलिस स्टेशन की इंचार्ज संगीता सिंह ने कहा कि जालसाजों ने NIA और RBI के नाम पर 15 से ज़्यादा नकली नोटिस भेजे थे।

डॉक्यूमेंट्स इतने असली लग रहे थे कि कोई भी गुमराह हो सकता था। उन्होंने कन्फर्म किया कि 30 लाख से ज्यादा कई अकाउंट्स में ट्रांसफर किए गए थे, और ट्रांज़ैक्शन पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। केस रजिस्टर कर लिया गया है और दोषियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं।
संगीता सिंह ने आगे लोगों से ऐसे स्कैम में न पड़ने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे कभी भी धमकी भरे कॉल्स, लिंक्स या नोटिस पर भरोसा न करें, और ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा।