
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई 56वीं महत्वपूर्ण बैठक में कथित तौर पर सभी प्रमुख प्रस्तावों पर आम सहमति बन गई, जिसमें कर ढांचे में व्यापक बदलाव और मौजूदा चार कर स्लैब को घटाकर केवल दो 5% और 18% करना शामिल है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शीर्ष कर पैनल की दो दिवसीय बैठक 3 सितंबर को शुरू हुई और 4 सितंबर को समाप्त होगी। नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। रिपोर्ट के अनुसार, कर दरों में प्रस्तावित कमी के कारण कुल राजस्व हानि लगभग 48,000 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष होने का अनुमान है।
विपक्ष शासित राज्यों ने केंद्र से की अपील
हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक सहित आठ विपक्ष शासित राज्यों ने केंद्र से आग्रह किया है कि यदि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के प्रस्तावित युक्तिकरण को वर्तमान जीएसटी परिषद की बैठक में मंजूरी मिल जाती है, तो वह संभावित राजस्व नुकसान की भरपाई करे। केंद्र ने कथित तौर पर कहा है कि वह इस मांग पर विचार करेगा।
कौन सी वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं?
टूथपेस्ट, शैम्पू, टैल्कम पाउडर और साबुन पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो सकता है।
-मक्खन, पनीर और घी भी सस्ते हो सकते हैं।
-फ्रिज, टीवी और एसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर जीएसटी की दरें कम हो सकती हैं।
-छोटी कारों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो सकता है, जिससे मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों को मदद मिलेगी।
-लेकिन टेस्ला और बीवाईडी जैसे ब्रांडों की इलेक्ट्रिक लग्जरी कारों पर अधिक कर लग सकता है।
शराब, तंबाकू और महंगी कारों जैसी विलासिता और हानिकारक वस्तुओं के लिए भी 40 प्रतिशत का नया स्लैब बनाया जा सकता है।
बैठक में कौन-कौन शामिल हो रहे हैं?
वित्त मंत्री सीतारमण और राज्य मंत्री एमपी चौधरी के अलावा दिल्ली, हरियाणा, गोवा, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हो रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री और मणिपुर के राज्यपाल भी बैठक में शामिल हो रहे हैं।