
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को कथित वोट चोरी के आरोपों पर जवाब देने का आदेश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। साथ ही याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। याचिका में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग को अपना पक्ष स्पष्ट करने का आदेश देने की मांग की गई थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एडवोकेट वी. वेंकटेश शिवकुमार द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में चुनाव आयोग से सभी विधानसभा क्षेत्रों का वोटर लिस्ट डेटा मशीन-रीडेबल फॉर्मेट में कोर्ट में जमा करने और उसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने की भी मांग की गई थी। याचिका में इन आरोपों पर उठाए गए सभी कदमों, जांच, ऑडिट और उपायों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई थी।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुल मुरूगन की बेंच ने कहा कि वोटर लिस्ट से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हाई कोर्ट ने पीआईएल को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सिर्फ़ प्रचार के लिए दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं था, इसमें कोई ठोस सबूत नहीं था और यह पूरी तरह से राजनीतिक दावे पर आधारित थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका अस्पष्ट थी, इसमें कोई खास जानकारी नहीं थी और इससे चुनाव आयोग को कोई स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता था।
इससे पहले अगस्त में राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर चुनाव में धांधली कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि हाल के लोकसभा चुनाव सहित कई राज्य विधानसभा चुनावों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई थी। चुनाव आयोग ने इन आरोपों से इनकार किया है।