
सतना। मध्य प्रदेश के एक किसान की सालाना आय 3 रुपए दिखाने वाला एक प्रमाण—पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इंटरनेट पर उसे “भारत का सबसे गरीब आदमी” करार दिया गया। इसके बाद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह एक “लिपिकीय त्रुटि” थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सतना जिले की कोठी तहसील के नयागांव निवासी रामस्वरूप (45) को जारी किए गए आय प्रमाण—पत्र की एक तस्वीर, जिस पर तहसीलदार के हस्ताक्षर भी थे, इस हफ्ते सोशल मीडिया पर सामने आई।
22 जुलाई को तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी यह दस्तावेज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और इंटरनेट पर रामस्वरूप को “देश का सबसे गरीब आदमी” बताया गया। अधिकारी तुरंत हरकत में आए और 25 जुलाई तक एक नया प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जिससे किसान की वार्षिक आय 30,000 रुपए यानी 2,500 रुपए प्रति माह हो गई। मूल प्रमाण—पत्र में रामस्वरूप की मासिक आय 25 पैसे बताई गई थी। द्विवेदी ने स्पष्ट किया, यह एक लिपिकीय त्रुटि थी, जिसे सुधार लिया गया है। एक नया आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस गलती का फायदा उठाते हुए मूल प्रमाण पत्र को X पर शेयर किया। पार्टी ने अपने पोस्ट में दावा किया, “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के शासन में, हमें भारत का सबसे गरीब आदमी मिला! वार्षिक आय: केवल 3 रुपए!” उन्होंने आरोप लगाया, “क्या यह चौंकाने वाला नहीं है? लोगों को गरीब बनाने का मिशन? क्योंकि अब कुर्सी खुद कमीशन खा रही है।