Skip to content
December 6, 2025
  • Home
  • NATIONAL
  • WORLD
  • BUSSINESS
  • MP
  • LIFESTYLE
  • ENTERTANMENT
  • POLITICS/ADMIN
  • JOB
  • SPORTS

Aap Tak

Breaking News Exclusive News

Primary Menu
  • Home
  • NATIONAL
  • WORLD
  • BUSSINESS
  • MP
  • LIFESTYLE
  • ENTERTANMENT
  • POLITICS/ADMIN
  • JOB
  • SPORTS
Light/Dark Button
Live
  • Home
  • NATIONAL
  • भारतीय न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है: CJI
  • NATIONAL

भारतीय न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है: CJI

aaptak.news28@gmail.com July 12, 2025
cji gawai

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है और मुकदमों में देरी कभी-कभी दशकों तक चल सकती है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

यहां नालसर विधि विश्वविद्यालय में दीक्षांत भाषण देते हुए न्यायमूर्ति गवई ने छात्रों को सलाह दी कि वे छात्रवृत्ति पर विदेश जाकर पढ़ाई करें और परिवार पर आर्थिक बोझ न डालें। उन्होंने कहा, “हमारा देश और न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है। मुकदमों में देरी कभी-कभी दशकों तक चल सकती है। हमने ऐसे मामले देखे हैं, जहां किसी व्यक्ति को विचाराधीन कैदी के रूप में वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष पाया गया है। हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा हमें उन समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकती है, जिनका हम सामना कर रहे हैं।”

मुख्य न्यायाधीश ने इस संबंध में संयुक्त राज्य अमेरिका के एक वरिष्ठ संघीय जिला न्यायाधीश जेड एस राकॉफ का हवाला दिया। अमेरिकी न्यायाधीश ने अपनी पुस्तक, “व्हाई द इनोसेंट प्लेड गिल्टी एंड द गिल्टी गो बरी: एंड अदर पैराडॉक्सेस ऑफ अवर ब्रोकन लीगल सिस्टम” में निम्नलिखित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, “हालांकि मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि हमारी न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त ज़रूरत है फिर भी मैं पूरी तरह आशावादी हूं कि मेरे साथी (नागरिक) इस चुनौती का सामना करेंगे।” अमेरिकी न्यायाधीश की इस टिप्पणी को मुख्य न्यायाधीश गवई ने उद्धृत किया।

बाद में यहां उस्मानिया विश्वविद्यालय में ‘भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब डॉ. बी. आर. आंबेडकर की भूमिका’ विषय पर व्याख्यान देते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में देश को एकजुट और मज़बूत बनाए रखने में संविधान का योगदान अमूल्य है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि डॉ. आंबेडकर की आलोचना इस आधार पर की गई थी कि “संविधान बहुत ज़्यादा संघीय है” और यह भी कि यह “बहुत ज़्यादा केंद्रित” है। संविधान निर्माता ने ऐसे आरोपों का खंडन किया और कहा कि “संविधान न तो बहुत ज़्यादा केंद्रित है और न ही बहुत ज़्यादा संघीय, बल्कि हम देश को एक ऐसा संविधान दे रहे हैं (जो) युद्ध और शांति के समय में देश को एकजुट रखेगा।”

न्यायमूर्ति गवई ने आगे कहा, “हम देखते हैं कि पिछले 75 वर्षों की यात्रा में हालांकि कई बाहरी आक्रमण हुए हैं, कई आंतरिक अशांतियां हुई हैं, लेकिन भारत हमेशा मजबूत और एकजुट रहा है।” उन्होंने कहा, “आइए हम सभी राजनीतिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक न्याय प्राप्त करने के संविधान निर्माताओं के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हों और यह सुनिश्चित करें कि न्याय देश के अंतिम और सबसे ज़रूरतमंद नागरिक तक पहुंचे।” न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि उन्हें उस्मानिया विश्वविद्यालय का दौरा करने का सौभाग्य मिला, जिसने 1953 में अंबेडकर को डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया था।

नलसार विधि विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश ने उत्तीर्ण स्नातकों को सलाह दी कि वे अपनी शक्ति के लिए नहीं, बल्कि ईमानदारी के लिए गुरुओं की तलाश करें। “विदेश में मास्टर डिग्री लेने के दबाव” पर न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “केवल एक विदेशी डिग्री आपकी योग्यता की मुहर नहीं है। यह निर्णय बिना सोचे-समझे या अपने साथियों के दबाव में न लें। आगे क्या होगा? वर्षों का कर्ज, चिंता, आर्थिक बोझ तले लिए गए करियर के फैसले।”

उन्होंने कुछ युवा स्नातकों या वकीलों द्वारा विदेश में शिक्षा के लिए 50-70 लाख रुपए तक का ऋण लेने का उदाहरण दिया। वास्तव में 50-70 लाख रुपए जैसी बड़ी राशि का एक छोटा सा हिस्सा स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू करने या कार्यालय कक्ष बनाने के लिए निवेश के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवा वकील जीवन के बाद के चरण में जब वे स्थिर हो जाते हैं, पढ़ाई के लिए विदेश जा सकते हैं।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि विदेश जाने का बढ़ता चलन एक संरचनात्मक समस्या को भी दर्शाता है, जो हमारे देश में स्नातकोत्तर कानूनी शिक्षा और अनुसंधान की स्थिति में विश्वास की कमी का संकेत देता है।

विदेश में पढ़ाई करने वाले कई लोग नए जोश और नए दृष्टिकोण के साथ वापस आते हैं, लेकिन जब वे लौटते हैं, तो उन्हें अक्सर संस्थान अनाकर्षक, संसाधनों की कमी या नए विचारों के करीब पाते हैं। पोस्टडॉक्टरल शोध के लिए बहुत कम संरचित रास्ते हैं, शुरुआती करियर के विद्वानों के लिए सीमित धन और अस्पष्ट भर्ती प्रक्रियाएँ हैं जो सबसे प्रतिबद्ध लोगों को भी हतोत्साहित करती हैं।

उन्होंने कहा, “अगर हम अपने सर्वश्रेष्ठ दिमागों को बनाए रखना चाहते हैं या उन्हें वापस लाना चाहते हैं, तो इसमें बदलाव लाना होगा। हमें एक पोषणकारी शैक्षणिक वातावरण बनाना होगा, पारदर्शी और योग्यता-आधारित अवसर प्रदान करने होंगे, और सबसे महत्वपूर्ण बात, भारत में कानूनी अनुसंधान और प्रशिक्षण की गरिमा और उद्देश्य को बहाल करना होगा।”

कानूनी पेशेवरों द्वारा सामना किए जाने वाले मानसिक दबाव के मुद्दों पर उन्होंने कहा कि काम के घंटे लंबे होते हैं, अपेक्षाएं ऊंची होती हैं और संस्कृति कभी-कभी “निर्दयी” होती है। उन्होंने कहा, “आप दबाव महसूस करेंगे, न केवल सफल होने का, बल्कि सफल दिखने का भी। कई लोग अपने संघर्षों को छिपाते हैं। मैं आग्रह करता हूं कि ऐसा न करें।”

भारत की कानूनी विरासत का केवल जश्न मनाना ही पर्याप्त नहीं है, इसके भविष्य का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि शोधकर्ताओं, युवा संकाय सदस्यों, वकीलों और विद्वानों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने भी भाग लिया, जबकि तेलंगाना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल ने अध्यक्षता की।

About the Author

aaptak.news28@gmail.com

Administrator

Web News Portal

Visit Website View All Posts

Post navigation

Previous: आरडी, पीपीएफ खाता खोलने, निकासी के लिए भी आधार-आधारित ई-केवाईसी
Next: रक्षाबंधन के पहले बहनों को शगुन, अगस्त में मिलेंगे 1500 रुपए

Related Stories

toll plaza
  • NATIONAL

एक साल के अंदर खत्म कर दिए जाएंगे टोल बूथ: गडकरी

aaptak.news28@gmail.com December 4, 2025
ajay visnoi bjp mla
  • NATIONAL
  • MP
  • POLITICS/ADMIN

BJP MLA का दावा, SIR के दौरान 1200 लोग मिले संदिग्ध

aaptak.news28@gmail.com December 4, 2025
cm mohan yadav with helicopter
  • BHOPAL
  • MP
  • NATIONAL

हवाई किराया: 2019 में सिर्फ 1.63 करोड़, 2025 में खर्च किए 90.7 करोड़

aaptak.news28@gmail.com December 3, 2025
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड के 63 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में परेड का निरीक्षण किया।
    - 06/12/2025

Recent Posts

  • Video: भारत-रूस के बीच 19 एग्रीमेंट साइन, पुतिन ने PM मोदी को दिया न्योता
  • Video: रशियन टूरिस्ट के लिए 30-दिन का फ्री ई-वीजा : पीएम मोदी
  • RBI ने ब्याज दरें 0.25% घटाईं: लोन सस्ते होंगे
  • Video: भारत की तरक्की से कई देश परेशान, मोदी किसी के दबाव में नहीं आते : पुतिन
  • अलास्का की कंपनियों की चिट्टियां लेकर आए थे ट्रंप : पुतिन

Recent Comments

  1. RAVI KHAVSE on 18 लाख की नकली मुद्रा जब्त, बीबीए छात्र समेत 6 गिरफ्तार

Archives

  • December 2025
  • November 2025
  • October 2025
  • September 2025
  • August 2025
  • July 2025
  • June 2025
  • May 2025
  • April 2025
  • December 2024

You may have missed

putin modi
  • Breaking News
  • WORLD

Video: भारत-रूस के बीच 19 एग्रीमेंट साइन, पुतिन ने PM मोदी को दिया न्योता

aaptak.news28@gmail.com December 5, 2025
modi putin
  • Breaking News
  • WORLD

Video: रशियन टूरिस्ट के लिए 30-दिन का फ्री ई-वीजा : पीएम मोदी

aaptak.news28@gmail.com December 5, 2025
rbi_repo_rate
  • BUSSINESS
  • Breaking News

RBI ने ब्याज दरें 0.25% घटाईं: लोन सस्ते होंगे

aaptak.news28@gmail.com December 5, 2025
putin modi meet delhi
  • Breaking News
  • WORLD

Video: भारत की तरक्की से कई देश परेशान, मोदी किसी के दबाव में नहीं आते : पुतिन

aaptak.news28@gmail.com December 4, 2025
  • Home
  • NATIONAL
  • WORLD
  • BUSSINESS
  • MP
  • LIFESTYLE
  • ENTERTANMENT
  • POLITICS/ADMIN
  • JOB
  • SPORTS
  • Home
  • NATIONAL
  • WORLD
  • BUSSINESS
  • MP
  • LIFESTYLE
  • ENTERTANMENT
  • POLITICS/ADMIN
  • JOB
  • SPORTS
Copyright © All rights reserved. | MoreNews by AF themes.