
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के 2.5 करोड़ से ज़्यादा यूज़र आईडी निष्क्रिय कर दिए हैं। रेलवे ने उन्नत डेटा एनालिटिक्स के ज़रिए संदिग्ध बुकिंग पैटर्न और यूज़र व्यवहार की पहचान की है। उन्होंने 2.5 करोड़ यूज़र आईडी निष्क्रिय करके ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली में दुरुपयोग पर लगाम लगाई है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भारतीय रेलवे ने संदिग्ध बुकिंग गतिविधियों, बुकिंग के कुछ ही मिनटों में टिकटों के गायब होने और एजेंटों व बॉट्स द्वारा दुरुपयोग की बात कही है। संसद सदस्य ए.डी. सिंह द्वारा उठाए गए सवालों के बाद, संसद में एक लिखित जवाब में इस स्थिति की पुष्टि की गई।
एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) उपयोगकर्ता ने कहा, आधार और पारिवारिक विवरण से जुड़ा मेरा IRCTC खाता हैक हो गया है। अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। क्या नागरिकों का डेटा अब मज़ाक बन गया है? कई लोग इसकी शिकायत कर रहे हैं, फिर भी कोई जवाबदेही नहीं। शर्मनाक।
भारतीय रेलवे पारदर्शिता सुनिश्चित करता है
कन्फर्म टिकटों तक यात्रियों की पहुँच को बेहतर बनाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और डिजिटल माध्यमों का प्रसार करने के लिए, भारतीय रेलवे ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं।
आरक्षित टिकट ऑनलाइन या कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) काउंटरों पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बुक किए जा सकते हैं। वर्तमान में कुल टिकटों का लगभग 89% ऑनलाइन माध्यम से बुक किया जा रहा है।
तत्काल टिकट
PRS काउंटरों पर डिजिटल माध्यमों से भुगतान करने की सुविधा प्रदान की गई है।
01-07-2025 से तत्काल योजना के तहत टिकट केवल आधार-प्रमाणित उपयोगकर्ता ही भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) की वेबसाइट/इसके ऐप के माध्यम से बुक कर सकते हैं।
तत्काल आरक्षण खुलने के पहले 30 मिनट के दौरान एजेंटों को पहले दिन तत्काल टिकट बुक करने से रोक दिया गया है।
विशेष रेल सेवाएं
अतिरिक्त माँग को पूरा करने के लिए ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची की स्थिति की नियमित रूप से निगरानी की जाती है। भारतीय रेल विशेष रेल सेवाएँ संचालित करती है और परिचालन व्यवहार्यता के अधीन अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनों का भार बढ़ाती है।
इसके अलावा, प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को कन्फर्म स्थान प्रदान करने और उपलब्ध स्थान का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक रेल आवास योजना (एटीएएस), जिसे विकल्प के रूप में जाना जाता है और उन्नयन योजना जैसी योजनाएँ शुरू की गई हैं।
तत्काल बुकिंग के लिए अनिवार्य आधार प्रमाणीकरण
सरकार ने कई नए सुधारों की भी रूपरेखा तैयार की है, जिनमें तत्काल बुकिंग के लिए अनिवार्य आधार प्रमाणीकरण, व्यस्त समय के दौरान एजेंटों की पहुंच पर प्रतिबंध और पीआरएस काउंटरों पर अधिक पारदर्शी डिजिटल भुगतान प्रणाली शामिल हैं।