नई दिल्ली। कोल्हापुर की रहने वाली और भारत के लिए कई पदक जीत चुकीं प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज़ राही सरनोबत सरकारी लापरवाही के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। 2014 में डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त होने के बाद सरनोबत को कथित तौर पर पहले तीन साल तक नियमित रूप से वेतन मिलता रहा। हालांकि, पिछले आठ सालों से उन्हें वेतन नहीं मिला है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, इस वेतन न मिलने का कारण यह है कि सरनोबत ने अपने पद के लिए आवश्यक तीन साल का प्रशिक्षण पूरा नहीं किया। हालांकि, इस पूरे समय के दौरान वह भारतीय राष्ट्रीय निशानेबाज़ी टीम की सक्रिय सदस्य रहीं और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व किया। अपने खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण उन्हें सरकारी पद के लिए आवश्यक प्रशिक्षण पूरा करने के लिए बहुत कम समय मिला।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे ने अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का ध्यान आकर्षित किया है। पवार और सरनोबत परिवार के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद उप-मुख्यमंत्री ने मामले की जांच का वादा किया है।
राही सरनोबत को वेतन न मिलने के कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
नियमित वेतन रिकॉर्ड न होने के कारण सरनोबत को बैंकों से ऋण प्राप्त करने में कथित तौर पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन पर और उनके परिवार पर दबाव बढ़ गया है। सरनोबत और उनके परिवार द्वारा अधिकारियों से बार-बार अपील करने के बावजूद वर्षों तक कोई समाधान नहीं निकला।
राही सरनोबत की उपलब्धिया
निशानेबाज को 2018 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राही सरनोबत ने 2012 के लंदन ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। राही ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन चोट के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाई थीं। राही ने 2008 के राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी दो स्वर्ण पदक जीते थे। दो बार की ओलंपियन राही सरनोबत आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय पिस्टल निशानेबाज और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज थीं।