
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को पत्र लिखकर सलाह दी है कि वे अपने-अपने जेल विभागों द्वारा जेल के कैदियों और आगंतुकों का आधार प्रमाणीकरण सुनिश्चित करें।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा, उसने 17 दिसंबर 2023 को एक परामर्श जारी कर जेल के कैदियों और जेल के कैदियों से मिलने वालों के आधार प्रमाणीकरण की सुविधा का उपयोग करने का अनुरोध किया था।
एडवाइजरी में कहा गया है कि जेल अधिकारियों से ई-प्रिज़न पोर्टल पर कैदियों की आईडी को उनके आधार नंबर से जोड़ने का भी अनुरोध किया जाता है और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और ई-प्रिज़न टीम द्वारा ई-प्रिज़न प्लेटफ़ॉर्म के साथ कैदियों के आधार लिंकिंग और प्रमाणीकरण के लिए तैयार की गई एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा की गई है।
गृह मंत्रालय ने कहा, यह देखा गया है कि कई जेलों में मंत्रालय द्वारा जारी उपर्युक्त एडवाइजरी के बारे में जमीनी स्तर पर कोई जागरूकता नहीं है। इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि जेल महानिदेशक और महानिरीक्षक द्वारा जेल कैदियों और जेल कैदियों से मिलने वालों के आधार प्रमाणीकरण से संबंधित जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाई जाए ताकि उन्हें इस प्रावधान के बारे में जागरूक किया जा सके।
अतः राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि वे “जेल के कैदियों और जेल के कैदियों से मिलने वालों के आधार प्रमाणीकरण की सुविधा” का उपयोग करें, इस तरह के प्रमाणीकरण से होने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए यह बात कही गई है।
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कैदियों की पहचान पत्र को आधार से जोड़ने और जेल के कैदियों और उनके मिलने वालों के आधार प्रमाणीकरण की स्थिति के बारे में मंत्रालय को “संलग्न प्रोफार्मा” में “तत्काल आधार पर” सूचित करने को भी कहा है। इसमें आगे कहा गया है कि इस संबंध में जानकारी को अद्यतन किया जा सकता है और हर तीन महीने बाद प्रदान किया जा सकता है।
अपनी मूल अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी ने इस मंत्रालय को सुशासन (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम 2020 के लिए आधार प्रमाणीकरण के नियम 5 के तहत, आधार (वित्तीय और अन्य सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2020 की धारा 4 की उप-धारा 4 के खंड (ख) के उप-खंड (ii) के साथ पठित, अधिसूचित करने के लिए अधिकृत किया है।
जेल के कैदियों के आधार प्रमाणीकरण और जेल के कैदियों से मिलने वालों के प्रमाणीकरण के लिए, “सब्सिडी, लाभ और सेवाएं) अधिनियम, 2016” के तहत आवश्यक दस्तावेज जारी किए गए हैं। तदनुसार इस संबंध में अपेक्षित राजपत्र अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।