
जबलपुर। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में कफ सिरप विषाक्तता मामले में रविवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गौरतलब है कि छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रवीण सोनी, जिन्होंने बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप लिखने की सलाह दी थी, उन्हें रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि ज्यादातर बच्चों का इलाज परासिया स्थित बाल रोग विशेषज्ञ के क्लिनिक में हुआ था।
जबलपुर स्थित एक दवा वितरक द्वारा आपूर्ति की गई कफ सिरप पीने के बाद बच्चे बीमार पड़ गए। मौतों के बाद तहसीलदार रांझी आदर्श जैन ने जबलपुर स्थित कटारिया फार्मास्युटिकल्स वितरक की दुकान को सील कर दिया।
औषधि एवं औषधि विभाग ने छापा मारा
दो दिन पहले, औषधि एवं औषधि विभाग ने वितरक के परिसर में छापा मारा था। जांच से पता चला कि कटारिया फार्मास्युटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर ने छिंदवाड़ा की कई दुकानों, जिनमें न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंड जनरल स्टोर शामिल हैं, को यह कफ सिरप सप्लाई किया था।
अधिकारियों ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूटर ने चेन्नई की एक कंपनी से कोल्ड्रिफ कफ सिरप की 660 बोतलें खरीदी थीं, जिनमें से 594 बोतलें छिंदवाड़ा भेजी गईं। बाकी 66 बोतलें सील कर दी गई हैं और 16 नमूने जाँच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
कथित तौर पर, सिरप पीने के बाद 30 से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ गए, जिनमें से कई को इलाज के लिए छिंदवाड़ा और नागपुर के अस्पतालों में रेफर किया गया। दुर्भाग्य से, इलाज के दौरान किडनी फेल होने से 13 बच्चों की मौत हो गई।
छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला और बालाघाट के औषधि एवं औषधि विभागों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने जाँच की। अधिकारी अब भोपाल से लैब जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं ताकि यह पुष्टि हो सके कि कफ सिरप में कोई जहरीला या हानिकारक पदार्थ तो नहीं था।