
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून के दौरान सड़कों को हुए अत्यधिक नुकसान के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रहे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़क रखरखाव के लिए व्यवस्थित नीति परिवर्तन का निर्णय लिया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इसने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अल्पकालिक रखरखाव अनुबंध (एसटीएमसी) और प्रदर्शन-आधारित रखरखाव अनुबंध (पीबीएमसी) प्रणाली को अपनाने और उसके बाद रखरखाव के लिए सड़कों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया गया है।
एसटीएमसी प्रणाली के तहत गड्ढों, गड्ढों की मरम्मत, सीमेंट कंक्रीट मार्ग की संयुक्त मरम्मत, शोल्डर मरम्मत, पुलों का रखरखाव, साइनबोर्ड, सड़क चिह्नांकन और क्रैश बैरियर का काम किया जाएगा।
इस बीच पीबीएमसी कार्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: प्राथमिक मरम्मत कार्य, आवधिक रखरखाव और नियमित रखरखाव।
प्राथमिक मरम्मत कार्यों में गड्ढों और दरारों की मरम्मत, पुलों, पुलियों आदि का रखरखाव शामिल होगा, जबकि आवधिक रखरखाव कार्यों में पुलों और पुलियों की घिसावट की लागत, प्रोफ़ाइल सुधार मार्ग आदि शामिल होंगे।
प्राथमिक मरम्मत और आवधिक रखरखाव कार्य पूरा होने के बाद ठेकेदार को शेष अवधि में काम पूरा करना होगा, जिससे उच्च स्तर की सेवा सुनिश्चित होगी। लोक निर्माण विभाग ने राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटीएमसी) और पंजाब परिवहन निगम (पीबीएमसी) कार्यों के लिए मार्गों का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग सड़कों का वार्षिक ऑडिट भी कराने जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने कहा, सड़कों के रखरखाव के लिए एक व्यवस्थित नीतिगत बदलाव किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़कों का वार्षिक ऑडिट भी किया जाएगा, जिससे अच्छी सड़क गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और सड़क रखरखाव संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग मध्य प्रदेश में लगभग 1.5 लाख किलोमीटर सड़कों का रखरखाव करता है और मानसून के दौरान जलभराव के कारण सड़कें आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे इस पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं।