
काठमांडू। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि जेन-जेड आंदोलन में मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा। पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!हिंसा में 51 लोग मारे गए, जिनमें एक भारतीय महिला भी शामिल है। कार्की ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार है कि नेपाल में 27 घंटे तक लगातार आंदोलन चला है।’
कार्की ने कहा कि वह 6 महीने से ज़्यादा सत्ता में नहीं रहेंगी और सत्ता नवनिर्वाचित संसद को सौंप देंगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद, कार्की को 5 मार्च, 2026 को नेपाल में आम चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
नेपाल हिंसा में 3 पूर्व प्रधानमंत्री बेघर, समर्थक घर ढूंढ रहे
हिंसा के बाद नेपाल के तीन पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल प्रचंड बेघर हो गए हैं। 9 सितंबर को जेन-जेड प्रदर्शनकारियों ने उनके घर जला दिए। फ़िलहाल, ये सभी सेना के शिविरों में रह रहे हैं। लेकिन उनके समर्थक अपने नेताओं के लिए किराए के घर ढूँढने में लगे हैं। ये नेता कुछ दिनों के लिए काठमांडू के बाहर पोखरा जैसे शहरों में रहना चाहते हैं। ताकि उन्हें फिर से जेन-जेड के गुस्से का सामना न करना पड़े। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार, 9 सितंबर को प्रधानमंत्री ओली के घर में आग लगा दी।
वहीं, प्रधानमंत्री बनने के बाद सुशीला कार्की मंत्रिमंडल बनाने पर काम कर रही हैं। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, कार्की 15 से ज़्यादा मंत्रियों वाला मंत्रिमंडल बना सकती हैं।
मंत्री पद के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सैन्य अधिकारी बालानंद शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायाधीश आनंद मोहन भट्टाराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मान सिंह बसन्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमन घीसिंग शामिल हैं।
इसके साथ ही डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ जैसे प्रमुख लोगों के नामों पर विचार किया जा रहा है।
इस फैसले में जेन-जेड के सदस्य भी हिस्सा ले रहे हैं। इसके लिए वे ऑनलाइन वोटिंग का सहारा ले रहे हैं। अगर इन नामों पर आम सहमति बन जाती है, तो रविवार शाम तक मंत्रिमंडल शपथ ले सकता है। हालाँकि, इसे सोमवार तक के लिए टाला भी जा सकता है।
जेन-जेड नेताओं ने कहा था- सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन निगरानी रखेंगे
शुक्रवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद भंग करने की भी घोषणा की। पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली की कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) ने इस फैसले का विरोध किया है। यूएमएल महासचिव शंकर पोखरेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की है।
वहीं, जेन-जेड नेताओं ने इस सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे, बल्कि सरकार के कामकाज पर नज़र रखेंगे। वहीं, नेपाल में 5 मार्च, 2026 को आम चुनाव होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी- कार्की महिला सशक्तिकरण का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा कि सुशीला कार्की की नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। नेपाल के लोगों ने कठिन समय में लोकतंत्र में विश्वास किया, भारत हमेशा उनके साथ है। अब युवाओं को नेपाल के पुनर्निर्माण में जुटना होगा।
चीन-बांग्लादेश ने कार्की को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी
सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने के बाद, चीन और अमेरिका ने भी उन्हें बधाई दी। चीन ने नेपाल के साथ अपनी मित्रता का हवाला देते हुए शांति बहाली की उम्मीद जताई है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने 10 सितंबर को कहा कि ‘चीन और नेपाल पारंपरिक मित्र और पड़ोसी हैं। आशा है कि नेपाल के सभी वर्ग घरेलू मुद्दों को उचित तरीके से संभालेंगे और जल्द से जल्द सामाजिक व्यवस्था और राष्ट्रीय स्थिरता बहाल करेंगे।’
वहीं, बांग्लादेश ने कहा कि वह नेपाल में स्थिति पर नज़र रख रहा है और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नेपाल में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है, उसने मृतकों के परिवारों को शोक संदेश भेजे हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।