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नई दिल्ली. यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग्स स्कीम में निवेश किया है या घर के लिए लोन लिया है तो इसका प्रूफ जल्द से जल्द अपने दफ्तर के फाइनेंस डिपार्टमेंट में जमा कराएं।
दरअसल, देश में ज्यादातर कंपनियों ने टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट का प्रूफ जमा करने के लिए अपने कर्मचारियों को 15 जनवरी तक की डेडलाइन दी है। दरअसल, कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने टीडीएस काटती हैं। कर्मचारी हर वित्त वर्ष की शुरुआत में अपनी कंपनी को बताता है कि वे टैक्स बचाने के लिए किन योजनाओं में निवेश कर रहे हैं या करने वाले हैं। कंपनियां उसी हिसाब से उनकी सैलरी से टैक्स काटती हैं।
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जनवरी में कंपनियां निवेश का सबूत मांगती हैं। इसके आधार पर कर्मचारी के पूरे वित्त वर्ष के टैक्स का कैलकुलेशन होता है। फिर कंपनियां उसी हिसाब से सैलरी से पैसा काटकर वित्त वर्ष खत्म होने से पहले यानी 31 मार्च तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा करती हैं।
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प्रूफ जमा नहीं किया तो क्या होगा?
अगर आपने कंपनी की तय डेडलाइन से पहले टैक्स-सेविंग का इन्वेस्टमेंट का प्रूफ नहीं जमा किया और आप आयकर के दायरे में आते हैं, तो आपकी सैलरी से पैसे कट सकते हैं। ये पैसे जनवरी, फरवरी और मार्च की सैलरी से काटे जाएंगे। इसलिए अगर आप सैलरी से ज्यादा कटौती नहीं चाहते, तो डेडलाइन से पहले टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट का प्रूफ जमा कर दें।
15 जनवरी तक भर सकते हैं बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न
सरकार ने बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी कर दिया है। अब लेट फीस के साथ 15 जनवरी 2025 तक ITR भर सकते हैं। यदि किसी टैक्सपेयर ने पहले ही अपना ITR दाखिल कर दिया है, लेकिन बाद में पता चलता है कि इसमें गलतियां हैं, तो वे भी अब 15 जनवरी तक रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
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